Sharad Yadav Dead: शरद यादव के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ में जताया शोक
Sharad Yadav Died: दिवंगत नेता शरद यादव (Sharad Yadav) जबलपुर (Jabalpur की रग रग में बसे थे. यह शहर उनकी कर्मभूमि था. यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी.
Sharad Yadav Death News: समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन से पूरे मध्य प्रदेश में शोक की लहर है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम मंत्री कमलनाथ सहित देश के तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है.शरद यादव का अंतिम संस्कार कल शनिवार 14 जनवरी को उनके मध्य प्रदेश स्थित पैतृक गांव होशंगाबाद के आंखामऊ में किया जाएगा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने शोक संदेश में लिखा," शरद यादव ने अपना संपूर्ण जीवन देश और समाज की सेवा में व्यतीत किया. वे अपने कार्यों और विचारों के रूप में सदैव आमजन के हृदय में जीवित रहेंगे. विनम्र श्रद्धांजलि, ॐ शांति".
आदरणीय शरद यादव जी ने अपना संपूर्ण जीवन देश और समाज की सेवा में व्यतीत किया। वे अपने कार्यों एवं विचारों के रूप में सदैव आमजन के हृदय में जीवित रहेंगे। विनम्र श्रद्धांजलि!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 12, 2023
।। ॐ शांति ।।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जताया दुख
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने शोक संदेश में कहा "समाजवादी आंदोलन के पुरोधा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सार्वजनिक जीवन में मेरे साथी रहे श्री शरद यादव का निधन सामाजिक न्याय के युद्ध की अपूरणीय क्षति है. मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति".
विवेक तंखा ने भी शरद यादव के योगदान को किया याद
राजसभा सदस्य सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने शरद यादव के जबलपुर में दिए योगदान को याद करते हुए अपनी शोक संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा "शरद यादव के निधन से महाकौशल को बड़ी क्षति हुई है. 70 के दशक में युवाओं को नेतृत्व प्रदान कर जबलपुर और देश राजनीतिक परिवर्तन की शुरुआत शरद यादव ने की. बाद में भले ही जबलपुर ने उनका साथ नहीं दिया परन्तु शरद यादव ने जबलपुर महाकौशल के लिए हमेशा लड़ाई लड़ी. चाहे हवाई सेवाओं की सुविधा हो या दिल्ली के लिए कुतुब एक्सप्रेस, रेलवे जोन की स्थापना हो हमेशा जबलपुर का हित किया. जबलपुर ओर महाकौशल ने अपना हितेषी, पैरोकार खो दिया. सादर श्रद्धांजलि."
बता दें कि दिवंगत नेता शरद यादव जबलपुर की रग रग में बसे थे. यह शहर उनकी कर्मभूमि था. यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. शरद यादव जनता उम्मीदवार के रूप में पहला चुनाव जीतने के बाद दूसरी बार भी जबलपुर से ही लोकसभा में पहुंचे थे. इसके बाद जबलपुर से वोटों की राजनीति से उनका नाता टूट गया था लेकिन यहां के लोगों से उनका जीवंत संपर्क हमेशा बना रहा.
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