Sharad Yadav Dead: भोपाल पहुंचा शरद यादव का पार्थिव शरीर, दिग्विजय सिंह ने दी श्रद्धाजंली; आंखमऊ गांव में होगा अंतिम संस्कार
Sharad Yadav Died: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का पार्थिव शरीर राजधानी भोपाल स्थित स्टेट हेंगर पहुंच गया है. उनका अंतिम संस्कार होशंगाबाद जिले की बावई तहसील के आंखमऊ गांव में किया जाएगा.
Sharad Yadav Death News: जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का पार्थिव शरीर भोपाल स्थित स्टेट हेंगर पहुंच गया है. उनके परिजन के चार्टड प्लेन से उनके पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे. यहां से एंबुलेंस के माध्यम से उनका पार्थिव शरीर होशंगाबाद की बावई तहसील के आंखमऊ गांव ले जाया जाएगा. भोपाल के स्टेट हेंगर पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनके पुत्र जयवर्धन सिंह सहित प्रदेश के तमाम नेता पहुंचे और उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का अंतिम संस्कार दोपहर डेढ़ बजे होशंगाबाद जिले की बावई तहसील के आंखमऊ गांव में किया जाएगा. जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की मौत की दुखद सूचना के बाद बिहार सहित मध्य प्रदेश में शोक की लहर है. शरद यादव का होशंगाबाद के बावई तहसील के आंखमऊ में जन्म हुआ था. यही कारण है कि उनकी निधन की खबर से मध्य प्रदेश में भी शोक की लहर है.
कार्डियक अरेस्ट से हुई शरद यादव की मौत
पूर्व केंद्रीय मंत्री और लगातार 13 साल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे शरद यादव की मौत गुरुवार को गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से हुई थी. उनकी मौत की खबर उनकी बेटी ने सोशल मीडिया के जरिये दी थी. उनकी बेटी और बेटे ने ट्वीट पर लिखा था ,पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे.
जबलपुर से लड़ा था पहला चुनाव
गौरतलब है कि जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित बाबई तहसील के आंखमऊ गांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म एक जुलाई 1947 को एक किसान परिवार में हुआ था. जब वो 1971 में जबलपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, तभी उनकी दिलचस्पी राजनीति में आई. यहां वो छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. छात्र संघ अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
सात बार रहे सांसद
बता दें कि उनके राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत भी मध्य प्रदेश से ही हुई थी. पहली बार 1974 में शरद यादव ने जबलपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. ये समय जयप्रकाश नारायण के आंदोलन का था. जेपी ने उन्हें हल्दर किसान के रूप में जबलपुर से अपना पहला उम्मीदवार बनाया था. शरद यादव इस सीट को जितने में कामयाब रहे और पहली बार संसद भवन पहुंचे. इसके बाद साल 1977 में भी वो इसी सीट से सांसद चुने गए. उन्हें युवा जनता दल का अध्यक्ष भी बनाया गया.