Navratri 2022: जहां दर्शन करने से हर काम सिद्ध हो जाते हैं और दीप जलाकर भी मनोकामना पूरी करने के लिए देशभर के श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐसा है मां हरसिद्धि का दरबार. दरअसल मान्यता है कि 51 शक्ति पीठ में शामिल हरसिद्धि शक्तिपीठ (Harsiddhi Shaktipeeth) में दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. देशभर के श्रद्धालु मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) में स्थित मां हरसिद्धि का आशीर्वाद लेने के लिए नवरात्रि में पहुंच रहे हैं. उज्जैन में शिव के साथ-साथ शक्ति की भी पूजा का विशेष महत्व है. प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के पीछे स्थित माता हरसिद्धि का मंदिर विश्व विख्यात है.

 

ऐसा माना जाता है कि यहां माता सती की कोहनी गिरी थी. सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी मां हरसिद्धि के दर्शन करने मात्र से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. यहां पर हजारों दीप मालिकाओं से माता की आरती की जाती है. विशेष रूप से रात्रि के समय मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. नवरात्रि के सभी 9 दिन यहां श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड़ती है. हरसिद्धि मंदिर के पुजारी रामचंद्र गिरी ने बताया कि मंदिर में माता के तीन रूपों के विशेष दर्शन होते हैं. माता हरसिद्धि के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा और मां कालका भी यहां पर विराजमान है. देशभर के श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं और अपने कामना पूर्ण करने के लिए यहां पर हजारों दीप मालिका प्रज्वलित करवाते हैं.

 


 

एक साल के लिए अभी से दीप मालिकाओं की हो गई है बुकिंग
वहीं कुछ श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर भी दीप प्रज्वलित कराने आते हैं. दीप मालिकाओं को लेकर भी प्राचीन में मान्यता है कि जब सम्राट विक्रमादित्य माता के दरबार में दीप राग गाते थे, तो दीप मालिकाएं खुद ब खुद प्रज्वलित हो जाती थीं. यहां पर दर्शन करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. माता के दरबार में हजारों की संख्या में दीप मालिकाएं प्रज्वलित कर आने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं. मंदिर समिति से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग एक साल तक के लिए अभी से बुकिंग हो गई है. दीप प्रज्वलित कर आने में 70 लीटर से ज्यादा तेल, बत्ती और अन्य खर्च आता है. श्रद्धालु अपनी ओर से मंदिर समिति से संपर्क कर शीघ्र ही दीप प्रज्वलन को लेकर भी प्रार्थना करते रहते हैं.