MP News: राजगढ़ का एक बुजुर्ग अपने घर के सामने से कचरे को हटवाने के लिए भागिरथ तपस्या कर रहा है. जब सरकार ने इस बुजुर्ग की बात नहीं सुनी तो वह अपनी अर्जी लेकर महाकाल के दरबार की ओर से चल दिए. वह भी पैदल. उन्हें विश्वास है कि महाकाल उनकी बात सुनकर उनकी समस्याओं का समाधान जरूर करेंगे. हम बात कर रहे हैं 71 साल के भेरूलाल की.
क्या है भेरूलाल की शिकायत
भेरूलाल गुर्जर राजगढ़ से 65 किलोमीटर दूर जीरापुर अंचल के जेथली गांव के रहने वाले हैं.उनके घर के सामने दबंगों ने गोबर और कचरा फेंकना शुरू कर दिया. कचरे की बदबू के मारे उनके परिवार का जीना मुहाल हो गया.इसके बाद उन्होंने पंचायत से लेकर तहसील और फिर सीएम हेल्पलाइन तक अपनी कहानी और पीड़ा सुनाई, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई.
भेरूलाल की जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने अपनी अर्जी महाकाल के दरबार में लगाने के लिए 25 फरवर को अपने घर से निकल पड़े. पिछले 20 दिन से वे पीठ के बल लेटकर राजगढ़ से उज्जैन की यात्रा कर रहे हैं.इस तरह वो करीब 60 किलोमीटर तक जमीन पर लेटते हुए लगाकर आगर जिले की सीमा में पहुंच गए हैं.
भेरूलाल के परिवार में कौन-कौन है
उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बहू है. उनके दो बेटियों की शादी हो चुकी है. उनका छोटा बेटा संतराम मानसिक रूप से कमजोर है. उनके ही गांव के दबंगों ने 2012 में घर के सामने गोबर और कचरा फेंकना शुरू कर दिया.वो उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते थे. भेरूलाल ने इसकी पंचायत से लेकर तहसील और फिर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की. लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई.
इसके बाद उन्होंने अपने गांव वालों से कहा कि सरकार से शिकायत करके थक चुका हूं. अब मुझे 'शिवराज' पर विश्वास नहीं रहा, इसलिए 'शिव' से शिकायत करने उज्जैन जा रहा हूं. लोट लगाकर जाऊंगा,तो महाकाल मेरी शिकायत जरूर सुनेंगे. इसके बाद बुजुर्ग ने जरूरी सामान रखकर सूटकेस पर एक ध्वज बांधा और उज्जैन के लिए नंगे पैर निकल पड़े.
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