MP News: मध्यप्रदेश के प्रशासनिक सिस्टम ने महिलाओं की निजता के मामले में दो महीने में दूसरा करनामा कर डाला है. जहां महीने भर पहले अशोक नगर के करीला मेले से पूर्व नृत्यांगनाओं के एचआईवी टेस्ट कराने के मामले ने तूल पकड़ा था तो अब डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान-निकाह योजना से पहले युवतियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट करा लिए गए हैं. मामला उजागर होने के बाद बवाल मच गया. डिंडौरी के विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने बहन-बेटियों की निजता के हनन का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सीएम शिवराज से कहा कि स्थिति स्पष्ट करें.


बता दें अक्षय तृतीया के मौके पर शनिवार को डिंडौरी में मुख्यमंत्री कन्यादान-निकाह योजना अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में डिंडौरी, बजाग, समनापुर और कर्रजिया विकासखंड के 219 युवक-युवतियों का विवाह हुआ है. इस आयोजन से पहले प्रशासन द्वारा युवतियों के प्रेंग्रेंसी टेस्ट करा लिए गए. डिंडौरी के कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकार ने जब मामला उठाया तो बवाल मच गया. प्रशासन अब इस मामले से बचता नजर आ रहा है. 


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ये बेटियों की बेइज्जती है


इस मामले में कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम का कहना है कि सरकार बहन बेटियों की बेइज्जती नहीं कर सकती है. विधायक ओमकार मरकाम ने दावा किया है कि 200 युवतियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए गए हैं. इसे लेकर ट्वीट भी किया पर यह पुष्टि नहीं कर पाए कि कितनी युवतियों का टेस्ट कराया गया है. उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि “मुख्यमंत्री स्थिति स्पष्ट करें और मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं. इसमें जो भी दोषी पाया जाए, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो.” वे कहते हैं कि यह मामला सिर्फ प्रेंग्नेंसी टेस्ट का नहीं हे, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुभावर्नापूर्ण दृष्टिकोण का भी है. 


गोलमोल जवाब दे रहे अफसर


मामले के तूल पकडऩे के बाद प्रशासनिक अफसर भी गोलमोल जवाब देने में लगे हैं. पहले तो अधिकारियों ने मामले से बचने की कोशिश की, फिर कहा कोरोना का टेस्ट कराया, फिर सिकल सेल एनीमिया और फिर फिटनेस टेस्ट की बात की गई. मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रमेश सिंह मरावी कह रहे हैं कि जांच के आदेश ऊपर से थे, लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि किस तरह की जांच के आदेश किसने दिए थे. जबकि इस मामले में कलेक्टर विकास मिश्रा ने प्रेग्नेंसी टैस्ट की बात स्वीकारते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में विवाह के पहले सिकल सेल एनीमिया की जांच कराने के निर्देश हैं, ताकि आने वाली संतान पर इसका असर न पड़े. यही जांच कराई जा रही थी, तब चार युवतियों ने पीरियड मिस होने की बात कही. यूरिन की जांच कराने पर वे गर्भवती पाई गई, इसलिए उन्हें अपात्र कर दिया गया है.