Shivraj Singh Chouhan Birthday Special: पांव-पांव वाले भैया के नाम से पहचाने जाने वाले प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जन्म सीहोर जिले के नर्मदा तट स्थित जैत गांव में पिता प्रेमसिंह चौहान और माता सुंदर बाई के यहां हुआ था. आज शिवराज सिंह चौहान का जन्मदिन है, शिवराज सिंह चौहान पूरे 64 साल के हो गए हैं. वे कैसे शिवराज सिंह चौहान बने इसकी कहानी बड़ी ही दिलचस्प है. शिवराज सिंह चौहान में बचपन से ही नेतृत्व क्षमता कूट-कूटकर भरी थी. हालांकि राजनीतिक जिंदगी की शुरुआत में शिवराज सिंह चौहान कक्षा 10वीं में अपना पहला चुनाव हार गए थे, फिर उन्होंने पीछे मूडक़र नहीं देखा. शिवराज सिंह चौहान पांच बार सांसद और सबसे अधिक समय तक प्रदेश के सीएम पद पर रहने का रिकार्ड अपने नाम दर्ज कर चुके हैं. 


कक्षा में 10वीं में हार गए थे चुनाव


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में बचपन से ही नेतृत्व क्षमता और राजनीति के प्रति ललक थी. हालांकि शिवराज सिंह चौहान राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव हार गए थे. शिवराज सिंह चौहान ने कक्षा 10वीं में कैबिनेट के सांस्कृतिक सचिव का चुनाव लड़ा, लेकिन उसमें जीत हासिल नहीं कर पाए. इसके एक साल बाद उन्होंने 11वीं क्लास में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल कर वो 1975 में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. जैत में स्कूली पढ़ाई के बाद शिवराज सिंह चौहान अपनी आगे की बढ़ाई के करने के लिए राजधानी भोपाल पहुंचे थे. शिवराज सिंह चौहान ने बरकतउल्ला विश्व विद्यालय के हमीदिया कॉलेज से दर्शनशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और वो एक गोल्ड मेडलिस्ट स्टूडेंट रहे हैं. 


विदिशा को बनाई कर्मभूमि


सीएम शिवराज सिंह चौहान विदिशा संसदीय सीट से पांच बार सांसद रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विदिशा सीट छोडऩे पर शिवराज सिंह चौहान यहां से चुनाव लड़े और सांसद बने. 11वीं लोकसभा में वो यही से दोबारा सांसद बने. इसके बाद 12वीं लोकसभा के लिए तीसरी बार भी वो विदिशा से सांसद बने और 1999 में 13वीं लोकसभा के लिए चौथी बार और 15वीं लोकसभा के लिए विदिशा से ही पांचवीं बार सांसद चुने गए. 


1992 में साधना के हुए शिव


सीएम शिवराज सिंह चौहान का विवाह साल 1992 में साधना सिंह के साथ हुआ है. साधना सिंह महाराष्ट्र के गोंदिया की रहने वाली है, जो हरदम अपने पति के साथ खड़ी रहती हैं. शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक मंचों से कई बार अपनी पत्नी साधना सिंह चौहान की तारीफ कर चुके हैं कि वे आज जो कुछ है उसमें उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान का महत्वपूर्ण योगदान है. 


अपने ही गांव में खोला था पहला मोर्चा


राजनीतिक जीवन की शुरुआत में शिवराज सिंह चौहान ने पहला मोर्चा अपने ही गांव में खोला था. दरअसल जैत गांव में मजदूरों को मजदूरी के ऐवज में अनाज दिया जाता था, यह अनाज काफी कम होता था. इसे लेकर शिवराज सिंह चौहान ने रणनीति बनाई और रात को लालटेन लेकर निकल पड़े. आगे-आगे शिवराज सिंह चौहान और पीछे-पीछे मजदूर साथी चल रहे थे. शिवराज सिंह चौहान नारे लगाते हुए चल रहे थे. उनके यह बगावती तेवर उनके चाचा ने देख लिए, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान को अपने चाचा से मार भी पड़ी थी. इस मार के बाद भी उनके कदम थमे नहीं और 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आरएसएस से जुड़ गए थे. शिवराज ने इंदिरा गांधी के शासन काल में लगे आपातकाल का जमकर विरोध किया था. शिवराज इस दौरान 1976-77 के बीच जेल भी गए थे.


सीएम पद का भी रिकॉर्ड


सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मप्र में सबसे अधिक समय तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज कर लिया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान पहली बार 2005 में मध्यप्रदेश के सीएम बने थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर के पद से इस्तीफा देने के बाद 29 नवंबर 2005 को शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री बने. इसी के साथ उन्होंने सीएम के तौर पर अब तक सबसे लंबे वक्त रहने का रिकार्ड भी है. 


जन्मदिन पर दी अनूठी योजना


आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जन्मदिन है. शिवराज सिंह चौहान पूरे 64 साल के हो गए हैं. इस उम्र में भी थीम से अलग सोचने की उनकी क्षमता अद्भुत है. यही कारण है कि 64वें जन्मदिन के अवसर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान प्र्रदेश की एक करोड़ से अधिक महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना लेकर आए हैं. इस योजना के तहत प्रदेश की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए मिला करेंगे. इस योजना का शुभारंभ आज सीएम शिवराज सिंह चौहान करने जा रहे हैं.


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