MP News: चुनावी साल में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार लाखों परिवारों को एक और बड़ा तोहफा दे रही है. इस तोहफे के जरिए प्रदेश के 5 लाख से ज्यादा परिवार लखपति और करोड़पति बनने वाले हैं. उनकी अचल संपत्ति की कीमत एक ही झटके में 2 गुना से 3 गुना हो जाएगी. सरकार के इस कदम से आम लोगों को ही नहीं बल्कि सरकार को भी हजारों करोड़ का फायदा है. 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की घोषणा के अनुरूप मध्य प्रदेश की 7506 कालोनियां अवैध से वैध होने की प्रक्रिया में शामिल हो गई हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इन 7 हजार 500 से ज्यादा कालोनियों की छंटनी की गई, तो इनमे से 5642 कॉलोनी सरकारी घोषणाओं की शर्तों पर खरा उतर रही हैं. इसके अलावा कुछ कॉलोनी सरकारी जमीन पर स्थित हैं, जबकि कुछ कॉलोनियों में सरकारी नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है,  इसलिए उन्हें वैध की प्रक्रिया से दूर कर दिया गया है. जब अवैध कॉलोनियों के भूखंड और भवन वैध हो जाएंगे तो उन्हें कई योजनाओं का लाभ मिलेगा. उदाहरण के लिए मकान और भूखंड पर नक्शा पास होने के बाद बैंक का ऋण मिल सकता है. इसके अलावा भूखंड और भवन की कीमत भी 2 से 3 गुना बढ़ जाएगी. ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश के लाखों लोगों को करोड़ों रुपए का फायदा होने वाला है. 


30 लाख से ज्यादा लोग होंगे लाभान्वित
सरकार यदि 5642 कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया को विधानसभा चुनाव के पहले संपन्न कर लेती है, तो इसका लाभ सीधे-सीधे 30 लाख लोगों तक पहुंचेगा. उदाहरण के लिए यदि एक कॉलोनी में 100 मकान या भूखंड भी माने जाएं तो मकान और भूखंड की संख्या 5,64,200 रहेगी. जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा. इस प्रकार यदि एक भूखंड या भवन से 5 लोगों का परिवार जुड़ा है तो यह संख्या 30 लाख के आसपास पहुंच जाएगी.  


कॉलोनी वैध होने से ये रहेंगे फायदे
अवैध कॉलोनी के वैध होने से लोगों को सड़क बिजली पानी नाली आदि की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा उनके मकान पर ऋण हो सकेगा. इतना ही नहीं मकान बनाने के लिए भी उन्हें बैंक से लोन मिल जाएगा. दूसरी तरफ सरकार को भी इससे फायदा होने वाला है. सरकार वैध कॉलनियों के भवन और भूखंड से नियम अनुसार अवैध कॉलोनी की तुलना में अधिक संपत्ति कर वसूलेगी. जब भवन या भूखंड की खरीद-फरोख्त होगी, तो गाइडलाइन के अनुसार सरकार को राजस्व मिलेगा.


इस योजना पर "आम के आम और गुठलियों के दाम" कहावत चरितार्थ हो रही है. सरकार जिन अवैध कॉलोनियों को वैध कर रही है, उसमें विकास कार्यों के अनुसार विकास शुल्क की वसूली भी हो रही है. यदि किसी कॉलोनी में सड़क, नाली और बिजली की व्यवस्था नहीं है तो वहां का विकास शुल्क प्रति मीटर की दर से अधिक रहेगा. इसके अलावा जिन कॉलोनी में सड़क बिजली और अन्य सुविधाएं उपलब्ध है. वहां विकास शुल्क कम लिया जाएगा. सरकार अवैध कॉलोनी के निवासियों से विकास शुल्क लेकर उसी कॉलोनी का विकास करेगी. इससे नगर निगम का अतिरिक्त बोझ भी कम हो जाएगा.


रतलाम में सबसे पहले मिला फायदा
उज्जैन संभाग के रतलाम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा का सबसे पहले इस योजना का फायदा मिलना शुरू हो गया है. रतलाम कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि जिले की 133 अवैध कालोनियां सूची में सम्मिलित की गई है. इनमें पहली किस्त में 47 कालोनियों को अवैध से वैध करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सभी कालोनियों का विकास शुल्क तय कर दिया गया है. लोग विकास शुल्क भरकर नगर निगम से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल कर रहे हैं.


इसके अलावा भगवान और भूखंड की कीमतें भी कॉलोनी वैध होने से लगातार बढ़ रही है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. यदि आवश्यकता हुई तो नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित कर अवैध कालोनियों में विकास शुल्क जमा कराने के लिए कैंप भी लगाए जाएंगे. 


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