मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपना परिचय बदलते हुए भाई और मामा लिखा है. पूर्व सीएम गुरुवार को विदिशा में लाडली बहनों से मिलकर भावुक हो गए और रोने लगे. अब शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनसे अपील की है. दरअसल शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर लिखा-''समाचार पत्रों के माध्यम से एक प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है कि निजी विश्वविद्यालय के कुलपति जी की जान बचाने के पवित्र उद्देश्य से किए गए अपराध हेतु छात्रों पर प्रकरण दर्ज किया गया है. मैंने माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश महोदय को इस संबंध में पत्र लिखकर छात्रों को क्षमा करने तथा प्रकरण वापिस लेने का निवेदन किया है. मुझे विश्वास है कि माननीय उच्च न्यायालय छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर, मानवीय मूल्यों के आधार पर छात्रों को क्षमा प्रदान करेंगे.''


क्या है पूरा मामला


हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र में उन्होंने लिखा कि निजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रणजीत सिंह का दिल्ली से झांसी जाने समय ट्रेन में अचानक तबीयत खराब हो गया और उनके साथ यात्रा कर रहे कुछ छात्रों ने उन्हें इलाज के लिए ग्वालियर स्टेशन पर उतारा और रेलवे स्टेशन के बाहर छात्रों ने न्यायाधीश की कार का उपयोग चाबी छीन कर किया जिससे कुलपति को अस्पताल पहुंचाकर उन्हें शीघ्र चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें. हालांकि बाद में अस्पताल में कुलपति को नहीं बचाया जा सका और इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा चोरी, डकैती की धाराओं के अंतर्गत दो छात्रों पर प्रकरण दर्ज कर लिए गए.''



शिवराज सिंह ने लिखा-'' चूंकि यह एक अलग तरह का मामला है जिसमें पवित्र उद्देश्य के साथ अपराध किया गया है. इस मामले में दोनों छात्र हिमांशु और सुकृत ने मानवीय आधार पर सहयोग एवं जान बचाने के उद्देश्य से यह अपराध किया है. छात्रों का भाव किसी तरह का द्वेष या अपराधिक कार्य करने का नहीं था. चूंकि यह एक अपराध है, लेकिन क्षमायोग्य कृत्य भी है. अतः मेरा निवेदन है कि उच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान लेकर दोनों छात्रों के भविष्य को देखते हुए दर्ज प्रकरण को वापस लेकर छात्रों को क्षमा करने की कृपा करें.''


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