MP: शिवराज सिंह चौहान ने खेती से लाभ कमाने के दिए 6 टिप्स, बीज के नए किस्म की बताई खास बात
MP News: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में एक प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने कृषि, बीज, खाद, किसानों को सब्सिडी सहति कई मुद्दों पर जवाब दिया.
MP Latest News: शिवराज सिंह चौहान लगभग डेढ़ दशक से अधिक समय तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वर्तमान में वह केंद्र में कृषि मंत्री हैं, कृषि मंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार प्रेस वार्ता आयोजित की.
राजधानी भोपाल में आयोजित पीसी के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
'पीएम मोदी की प्राथमिकता में किसान'
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज लगभग 50 फीसदी लोगों को रोजगार कृषि देता है. अर्थव्यवस्था में भले ही 17 फीसदी से ज्यादा है, किसान अगर उत्पादक है तो सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है. उन्होंने कहा कि किसान कुछ खरीदता है, उससे जीडीपी बढ़ती है. उन्होंने कहा कि इसलिए पीएम मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता किसान है.
खेती को लाभ का धंधा बनाने के दिए 6 टिप्स
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खेती को लाभ का धंधा बनाने के 6 टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, कृषि उत्पाद का ठीक दाम देना है, प्राकृतिक आपदा में नुकसान की क्षतिपूर्ति, कृषि का विविधीकरण, केवल परंपरागत फसल नहीं, फल, फूल औषधि, मधुमक्खी पालन, वैल्यू ऐडिशन, कच्चे माल से विभिन्न चीज बनाना, प्राकृतिक खेती शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे कहते हुए खुशी हो रही है कि इन 6 आयामों पर हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में निरंतर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना है तो अच्छे बीज चाहिए.
'बीज की तैयार की गई है 109 किस्में'
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण धरती की सतह का तापमान बढ़ रहा है. हमें ऐसे बीज की जरूरत है जो जलवायु के अनुकूल हों, उचित पैदावार दे सकें, कीटनाशकों का प्रयोग कम हो. बीज उत्पादित करना, बीज बनाना अनुसंधान कर के, यह काम बहुत महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि (आईसीएआर) निरंतर इस काम में लगी है. अभी पिछले दिनों बीजों की 109 किस्में तैयार की गई है. अनाज की 23, अनाज में चावल की 9, गेहूं की 2, जौ की 1, मक्का की 6, ज्वार की 1, बाजरा की 1, रागी की 1, छीना की 1 शामिल है.
शिवाराज सिंह चौहान ने आगे बताया कि इसके साथ सांबा की 1, अरहर की 2, चने की 2, मसूर की 3, मटर की 1, मूंग की 2, ओवरऑल तिलहन की 7 किस्में तैयार की गई हैं. उन्होंने कहा कि चारे की 7 किस्में, गन्ने की 7 किस्में, कपास की 5, जूट की एक, बागवानी की 40 किस्म तैयार की गई है.
पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने अनुसंधान करके अधिक उत्पादन देने वाली धान की ऐसी किस्म बनाई है, जिसमें 20 फीसदी कम पानी लगेगा. उत्पादन के साथ कीटों का कम प्रकोप हो, इसके लिए प्रयत्न भी किया गया है.
पीएम ने जारी की फसलों की नई किस्म
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रविवार (11 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग 109 किस्मों को जारी किया. अलग एग्रो क्लाइमेटिक जोन के लिए अलग किस्म हैं.
उन्होंने कहा कि एरिया स्पेसिफिक फसलों के लिए बीजों की किस्म तैयार की गई है. रिलीज करने का कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेत में ही जाकर फसलों को रिलीज करेंगे.
पीएम आज ये करेंगे रिलीज
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कल आईसीएआर के खेतों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे और तीन स्थानों पर बीजों की किस्मों को रिलीज करेंगे. लैब टू लैंड, विज्ञान सीधे किसान तक पहुंचे, रिसर्च का फायदा किसान तक पहुंच जाए. सब एक जगह हो, यह प्रयत्न किया गया है.
1.70 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान
शिवराज सिंह ने कहा, "मुझे कहते हुए खुशी है, कृषि बजट जो यूपीए की सरकार में 27 हजार करोड़ हुआ करता था. वो अब अलायड सेक्टर्स को मिलाकर अब 1.52 लाख करोड़ रुपये का है." उन्होंने कहा, "पिछले साल 1 लाख 95 हजार करोड़ की सब्सिडी फर्टिलाइजर पर प्रदान की गई थी."
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शिवारज सिंह ने कहा, "इस साल 1 लाख 70 हजार करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान है, लेकिन खपत बढ़ेगी तो ये बढ़ भी जाएगा. इस साल 2.625 करोड़ का विशेष पैकेज अन्तराष्ट्रीय परिस्थिति के कारण खाद के जहाजों को घूम कर आना पड़ता है, इसमें समय भी लगता है, वो भार किसान पर न आए, इसके लिए यह विशेष पैकेज दिया गया है."
ये भी पढ़ें: Bangladesh Crisis: ‘हिंदू अपनी जान और इज्जत...', उमा भारती बोलीं- बांग्लादेश से सीखें सबक