MP News: मध्य प्रदेश में बीजेपी (BJP) अपने रुठे हुए नेताओं को मनाने के काम में जुटी हुई है. बीते दिनों राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात की थी जबकि सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने भी रुठे हुए नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक का उद्देश्य पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को काम करना है. बैठक में सीएम शिवराज ने नेताओं को दो-टुक लहजे में कहा कि ऐसी बयानबाजी न करें जिससे पार्टी को नुकसान हो.
इस बैठक में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, नरयावली से विधायक प्रदीप लारिया और सागर से विधायक शैलेंद्र जैन पहुंचे. सीएम शिवराज ने सभी से एक-एक कर बात की. सूत्र बताते हैं कि सीएम शिवराज ने उन्हें समझाया कि चुनाव का वक्त है इसलिए सबको बिठाकर समझाया जा रहा है. संवादहीनता का त्याग करें और ऐसा कोई बयान न दें जिससे पार्टी को नुकसान पहुंचे.
सीएम के सामने विधायकों ने मंत्री भूपेंद्र सिंह पर लगाए ये आरोप
हालांकि सीएम शिवराज के समझाने के बावजूद गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह के बीच तनातनी देखी गई. गोविंद सिंह ने कहा कि उनकी छवि खराब की जा रही है. जबकि भूपेंद्र सिंह ने भी ठीक यही आरोप लगाया. जबकि दो अन्य विधायकों शैलेंद्र जैन और प्रदीप लारिया ने सीधे मंत्री भूपेंद्र सिंह पर हमला बोल दिया और शिकायती लहजे में कहा कि वह सागर जिले में एकतरफा फैसला लेते हैं और संगठन भी खुद ही चला रहे हैं. इन दोनों ने कहा कि सागर में किसी भी तरह के फैसले और कार्यक्रम में विधायकों को महत्व नहीं दिया जाता है. भूपेंद्र सिंह पर केवल इन दो विधायकों ने ही नहीं बल्कि पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह ने भी यह आरोप लगाया कि वह विरोधियों की मदद कर रहे हैं.
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