MP News: जनता की परेशानियों को हल नहीं कर पा रही MP सीएम हेल्पलाइन, 11 हजार शिकायतें अभी भी पेंडिंग
MP CM Helpline Number: सीएम हेल्प लाइन पर निराकरण के लिए कुल 16360 शिकायतें आईं, जिनमें से सिर्फ 5187 को ही हल किया गया. 11173 कंप्लेंट अभी भी लंबित हैं. सबसे ज्यादा शिकायतें गृह विभाग से जुड़ी हैं.
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MP CM Helpline Number: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों का समस्याओं के निराकऱण के लिए सीएम हेल्पलाइन की शुरुआत की थी. इस पहल के बाद लोगों को भी उम्मीद जगी कि अब समस्याओं का समाधान पाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. हालांकि, सीएम हेल्प लाइन भी शिकायतों का निराकरण करने में असमर्थ दिखी, क्योंकि यहां अभी भी 11 हजार शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं.
बता दें मध्य प्रदेश के लोगों की समस्याओं का हल करने के लिए सीएम हेल्प लाइन नंबर है- 181. लोगों को उम्मीद थी कि 181 डायलक करने पर उनकी समस्याओं का हल निकल जाएगा. लेकिन 11 हजार शिकायतों को अभी भी हल होने का इंतजार है. गौरतलब है कि 10 मई के पहले तक सीएम हेल्पलाइन पर 16360 शिकायतें आई थीं. इनमें से सिर्फ 5187 कंप्लेंट का ही निराकरण हो सका है, जबकि 11 हजार आवेदन लंबित पड़े हैं. कलेक्टर ने इन शिकायतों के निराकरण के लिए जनसेवा शिविर के माध्यम से 15 जून तक का समय दिया है.
गृह विभाग की सबसे ज्यादा शिकायतें
सीएम हेल्प लाइन पर निराकरण के लिए कुल 16360 शिकायतें आई हैं. इनको मुख्यमंत्री जनसेवा शिविर में शामिल किया गया. इनमें से सिर्फ 5187 शिकायतों का ही निराकरण किया जा सका, जबकि 11173 अभी भी लंबित हैं. इन शिकायतों में गृह विभाग पहले पायदान पर है, जिसकी 2925 शिकायतें लंबित हैं, जबकि दूसरे नंबर पर राजस्व विभाग है, जहां 1683 शिकायतों को निराकरण का इंतजार है. इसके अलावा नगरीय विकास एवं आवास, स्कूल शिक्षा विभाग और चिकित्सा विभाग की भी एक हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं.
6 विभागों ने बताया विशेष कारण
बता दें, इन शिकायतों के मामले में 6 विभाग ऐसे हैं, जिनमें विशेष कारण का हवाला देकर करीब 4000 से ज्यादा शिकायतों को अटका दिया गया है. इन विभागों में चिकित्सा, शिक्षा, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय और तकनीकी शिक्षा, कौशल विभाग एवं रोजगार विभाग शामिल हैं. अटकी हुई शिकायतों के मामले में ये विभाग कारण नहीं बता रहे हैं. जबकि प्रदेश के 31 विभागों में 50 फीसदी से ज्यादा शिकायतों का निराकरण नहीं हो सका है. इन विभागों में विमानन, विमुक्त घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण, संसदीय, पर्यावरण, खेल एवं युवा कल्याण, आपदा प्रबंधन, विधि एवं विधायी कार्य, उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, संस्कृति और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग शामिल हैं.
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