MP CM Oath Ceremony: 'जस की तस रख दीनी चदरिया...' नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले शिवराज सिंह चौहान दे गए ये मैसेज!
Shivraj Singh Chouhan on Mohan Yadav: शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच रहे प्रधानमंत्री का स्वागत किया है.
Shivraj Singh Chouhan on Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें बहुत शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत कर रहे मेहमानों, जिनमें प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री शामिल हैं, का स्वागत किया है. इसी के साथ उन्होंने एक मैसेज भी केंद्रीय नेतृत्व को दिया है.
मोहन यादव को बधाई देते हुए शिवराज ने बुधवार की सुबह-सुबह मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा, "साढ़े 11 बजे मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे. मुझे पूरा विश्वास है वो मध्य प्रदेश की संबृद्धि और विकास को और जनता के कल्याण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. उनको शुभकामनाएं. आज प्रधानमंत्री मोदी पधार रहे हैं उनका स्वागत. गृह मंत्री का स्वागत. मित्रों अब विदा.. जस की तस रख दीनी चदरिया."
विदाई की बात कह शिवराज दे गए मैसेज
बधाई के बाद विदाई की बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कबीर के प्रसिद्ध भजन की पंक्ति का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि 'जस की तस रख दीनी चदरिया'. दरअसल ये पंक्ति कबीर के भजन से ली गई है. कबीर की पंक्तियों से प्रेरित इन पंक्तियों का सामान्य अर्थ निकलता है कि उन्हें जो पद दिया गया था उन्होंने ज्यों का त्यों वापस कर दिया है. हमेशा ऊर्जावान दिखने वाले शिवराज सिंह चौहान जब ये पंक्तियां कह रहे थे तब उनका बॉडी लेंग्वेज पहले की तुलना बदला-बदला सा रहा. जानकारों का कहना है कि शिवराज केंद्र के फैसले से खुश नहीं हैं.
बंपर जीत के बाद भी बदला सीएम
मालूम हो कि शिवराज सिंह चौहान डेढ़ दशक से ज्यादा समय तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. इसबार भी जब भारतीय जनता पार्टी चुनाव में उतरी तब भी वो मुख्यमंत्री पद पर ही थे. बीजेपी को चुनाव में विराट जीत मिली और 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें उनके खाते में गईं. चुनाव में पार्टी को बंपर बहुमत मिला इसके बाद भी उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा है. जानकारों का कहना है कि ये शायद पहला ऐसा मामला होगा, जहां बंपर बहुमत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री बदला गया हो.