MP Politics: अपनी ही सरकार से लड़ने को तैयार हैं शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय? क्यों बोले- 'पीछे नहीं हटूंगा'
Shivraj Singh Chouhan Son: शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय ने सीहोर में जनता से कहा कि चुनाव में वोट मांगने के लिए तो पिताजी भी नहीं आए थे. मैं आया था और मैं ही जनता से किए वादे निभाऊंगा.
Shivraj Singh Chouhan Son Kartikeya Singh: मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल तब तेज हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान ने एक बड़ा बयान दे दिया. सीहोर जिले के भेरुंदा इलाके में एक कार्यक्रम में शामिल हुए कार्तिकेय ने जनता से कहा, 'आपके लिए अपनी ही सरकार से लड़ना पड़ा तो तैयार हूं.' पूर्व सीएम के बेटे का यह बयान ने अब राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान का कहना है, 'मैं नेता नही हूं, मेरा राजनीति में आने का कोई मन भी नहीं है, लेकिन बाबूजी (शिवराज सिंह चौहान) के नाम पर मुझे सम्मान मिलता है. मैं भाषण इसलिए कर रहा हूं कि विधानसभा चुनाव के लिए आपसे वोट मांगने मैं आया था. अब पिता जी मुख्यमंत्री नहीं रहे और मैं भी आपसे मिलने न आऊं तो रात में चैन की नींद सो नहीं पाऊंगा. वोट मैंने मांगा था तो बीजेपी के जीतने पर सारे वादे पूरे करवाने की जिम्मेदारी भी मेरी है.'
'अपनी ही सरकार से लड़ने की जरूरत पड़ी तो लड़ूंगा'
कार्तिकेय चौहान ने आगे कहा कि जनता से किए वादे निभाने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. वैसे तो लड़ने की जरूरत पड़ेगी नहीं, क्योंकि अपनी ही सरकार है. हालांकि, अगर लड़ना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे. कार्तिकेय सिंह चौहान ने कहा, 'जनता के हक के लिए लड़ना पड़ा तो कार्तिकेय तैयार है. हालांकि, बीजेपी की ही सरकार है इसलिए ऐसी लड़ने की परिस्थिति नहीं बनेगी.'
पिता शिवराज सिंह के लिए कार्तिकेय का बयान
वहीं, अपने पिता शिवराज सिंह चौहान के लिए कार्तिकेय ने कहा कि आपके भैया शिवराज जी ने इतनी मेहनत की इस चुनाव में, जो किसी के लिए भी संभव नहीं है. आपको गर्व होना चाहिए. हमारे बीच के व्यक्ति ने 20 साल की सरकार के बाद दोबारा सरकार को रिपीट किया है. राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित कई सारे राज्यों में चुनाव हुए. सारे राज्यों में सरकार पलट गई. सरकार गिर गई, कहीं कांग्रेस तो कहीं कोई सरकार आई. लेकिन मप्र केवल एक ऐसा राज्य था, 20 साल की सत्ता के बाद सरकार लौटने के साथ ही प्रचंड बहुमत से आई. पूरे देश की आंखें फटी रह गई.