(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
New Year 2024: 'जब मैं कुछ नहीं था...', नए साल पर शिवराज सिंह चौहान ने ऐसा क्यों कहा?
Happy New Year 2024: शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब वह न विधायक थे और न ही सांसद, तब भी महिलाओं का दुख उनको निजी तौर पर पीड़ा देता था. इसलिए महिला सशक्तिकरण उनका मिशन है.
Shivraj Singh Chouhan on New Year 2024: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशवासियों को नए साल की बधाई दी. अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए उन्होंने नए साल की शुभकामनाओं के साथ यह उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में भारत और प्रदेश का चहुंओर विकास होगा. इसी के साथ शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ी बात कही.
पूर्व सीएम ने कहा, 'सभी प्रदेश और देशवासियों को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं. ये नया साल सभी के जीवन में सुख समृद्धि लाए और रिद्धि-सिद्धि लाए. मेरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इस साल भी भारत विकास का नया अध्याय लिखेगा. वहीं, सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश भी निरंतर प्रगति की नई इबारत लिखेगा.'
शिवराज सिंह चौहान का मिशन सामाजिक सारोकार
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, 'केवल शुभकामनाएं नहीं, बल्कि मेरी उम्मीद है कि मोहन यादव और उनकी टीम को कार्यकर्ता और नागरिक होने के नाते में हमेशा सहयोग देता रहूंगा. इसके साथ, सामाजिक सारोकार भी मेरा मिशन है, विशेषकर महिला सशक्तिकरण. यह मेरे लिए राजनीति का विषय नहीं है.
नव वर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाएं!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 1, 2024
यह वर्ष आपके जीवन को आनंद और प्रसन्नता से भर दे। आप स्वस्थ, सुखी एवं आनंदित रहें, आपकी समस्त मनोकामनाएं पूरी हों।
आइये, इस शुभ दिन पर यह संकल्प लें कि हम दूसरों के मुख पर मुस्कान लायेंगे और मध्यप्रदेश एवं देश की प्रगति, खुशहाली व समृद्धि… pic.twitter.com/2y7Gv3Uon3
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'जब मैं कुछ नहीं था, तब भी बेटियों के लिए काम करता था. विधायक बना तो बेटियों की शादी की. सांसद बना तो बिना मां-बाप की सात बेटियों को अपने घर ले आया. मैं और मेरी धर्मपत्नी ने उनका ख्याल रखा, उन्हें पाल पोस कर बड़ा किया, उनकी पढ़ाई लिखाई और शादी विवाह किया. मेरे मन में बचपन से यह पीड़ा रही है कि मां-बहन और बेटियों को उचित न्याय नहीं मिला. उनको पूरा न्याय दिलाना मेरे जीवन का मिशन है. इसलिए मुख्यमंत्री बनने पर लाडली बहना योजना औऱ लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत की. यह सफर महिला सशक्तिकरण का यह प्रमुख आयाम था. लाडली बहना ने महिलाओं की जिंदगी बदल दी.'
'आज भी मेरा घर कहलाता है मामा का घर'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'मेरा घर आज भी 'मामा का घर' कहलाता है. मेरे घर के दरवाजे बहनों-बेटियों, भांजे और भांजियों के लिए हमेशा खुला है. बच्चों के संरक्षण का काम भी हमेशा करते रहेंगे. यह धरती आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए बची रहे, इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा करना जरूरी है. इसलिए मैं रोज एक पेड़ लगाता हूं. पेड़ लगाने का यह क्रम जारी रहेगा और पर्यावरण पर काम करने के सात प्राकृतिक खेती के लिए लोगों को जागरूक करता रहूंगा और किसानों के हित के लिए भी काम करता रहूंगा.'
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