MP News: एमपी में डॉक्टरों की भारी कमी, इलाज का इंतजार कर रहे मरीज और 77 हजार चिकित्सकों के पद खाली
MP Doctors Shortage: विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुसार प्रति एक हजार लोगों पर कम से कम 1 डॉक्टर होना चाहिए. राज्य में डॉक्टर बेहतर अवसरों की चाह में सरकारी सेवाओं को छोड़ रहे हैं.
MP News: मध्य प्रदेश में डॉक्टर्स की कमी से स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार चरमरा रही है. प्रदेश में प्रत्येक 34 सौ नागरिकों के लिए सिर्फ एक डॉक्टर उपलब्ध है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक से बेहद कम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि प्रति एक हजार लोगों पर कम से कम 1 डॉक्टर होना चाहिए. इस हिसाब से एमपी को करीब 77 हजार डॉक्टर्स की आवश्यकता है.
मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल द्वारा जुलाई 2022 में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में 51 जिला अस्पतालों, 66 सिविल अस्पतालों, 335 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 1170 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 9192 स्वास्थ्य उप-केंद्रों और 49,864 ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के साथ 19 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. प्रदेश को अपने नागरिकों स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए 77 हजार डॉक्टर्स की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में राज्य में केवल 22 हजार डॉक्टर्स ही काम कर रहे हैं.
राज्य में लगभग 59 हजार डॉक्टर हैं
राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को परेशान करने की बड़ी वजह डॉक्टर्स का सरकारी नौकरी से मोह भंग भी है. डॉक्टर बेहतर अवसरों की चाह में सरकारी सेवाओं को छोड़ रहे हैं. परिषद ने पिछले साल डॉक्टर्स के फिर से पंजीकरण की पहल की थी. पुन: पंजीकरण की अंतिम तिथि को कई बार बढ़ाया गया, लेकिन सिर्फ 22 हजार डॉक्टर्स ने ही पुनः पंजीकरण कराया. दिलचस्प बात यह है कि दोबारा पंजीकरण शुरू होने से पहले परिषद ने माना था कि राज्य में लगभग 59 हजार डॉक्टर हैं. हालांकि, एक अन्य अनुमान में डॉक्टर्स की संख्या पुनः पंजीकरण कराने वाले आंकड़े से ज्यादा है.
माना जा रहा है कि चिकित्सा सेवाओं में रिक्त पदों को भरने में सरकार की विफलता से चिंता और बढ़ गई है. जुलाई 2022 की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों के 3,278 पदों में से 2,249 पद रिक्त हैं. इसके अलावा पिछले साल 91 विशेषज्ञ सेवानिवृत्त भी हो गए. इसी तरह राज्य में चिकित्सा अधिकारियों के 1677 पद खाली हैं. मेडिकल कॉलेजों में डीन के 13 पद और अधीक्षक के 14 पद भी खाली हैं.
राज्य में मेडिकल कॉलेज की स्थिति
प्रदेश में सभी को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में राज्य के खराब प्रदर्शन के कारणों में मेडिकल कॉलेज और सीटों की कम संख्या भी है. पिछले दस साल में सिर्फ आठ नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो सके हैं. मध्य प्रदेश के 25 मेडिकल कॉलेजों की तुलना में महाराष्ट्र और तमिलनाडु सहित कई अन्य राज्यों में 50 से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं. प्रदेश के 14 सरकारी मेडिकल कॉलेज में 2180 और 11 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में 1900 एमबीबीएस की सीटें हैं. इसी तरह राज्य में कुल 756 पोस्ट ग्रेजुएट सीटें हैं, जिनमें से 384 एमडी, 233 एमएस, 8 एमसीएच, 9 डीएम और 122 डिप्लोमा के लिए हैं. कुछ अन्य राज्यों में यह संख्या 3,500 तक है.
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