Jabalpur News: मध्यप्रदेश के ओरछा के प्रसिद्ध श्रीराम राजा मंदिर में श्रद्धालुओं की ओर से दिए जाने वाले दान पर आयकर विभाग की टेढ़ी नजर है. आयकर विभाग ने मंदिर के व्यवस्थापक को नोटिस जारी कर आयकर रिर्टन दाखिल करने को कहा है. नोटिस मिलने के बाद मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन दोनों दुविधा में हैं.
वे आयकर विभाग के सामने यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि श्रीराम राजा मंदिर शासकीय है और आयकर से मुक्त है. फिलहाल आयकर विभाग यह मानने के लिए तैयार नहीं है.
प्रशासन ने दूसरे नोटिस का भी दे दिया जवाब
स्थानीय तहसीलदार एवं व्यवस्थापक मनीष जैन के मुताबिक, आयकर विभाग द्वारा भेजे गए दूसरे नोटिस का जवाब भी जमा कर दिया गया है. प्रशासन ने अपने जवाब में मंदिर के शासकीय होने के तमाम प्रमाण दिए हैं. इस नोटिस में विभाग ने वर्ष 2015-16 के दौरान मंदिर के खाते में जमा किए गए एक करोड़ 22 लाख रुपये का हिसाब मांगा है. मंदिर प्रबंधन का कहना है कि सभी बैंकों की एफडी एक बैंक खाते में करने से यह आयकर विभाग को भ्रम हुआ है.
मंदिर के शासकीय होने की बात नहीं मान रहा आयकर विभाग
यहां बता दें कि मंदिर के दान को लेकर आयकर विभाग द्वारा साल 2010 एवं 2020 में भी ऐसा ही नोटिस जारी किया गया था. तब से प्रशासन लगातार आयकर विभाग के सामने यह साबित करने का प्रयास कर रहा है कि यह मंदिर शासकीय है. हाल ही में आयकर विभाग ने श्रीराम राजा मंदिर,ओरछा के व्यवस्थापक एवं तहसीलदार के नाम से फिर नोटिस जारी किया गया.
23 मार्च 2023 को जारी किए गए इस नोटिस में विभाग ने वर्ष 2015-2016 के दौरान मंदिर के खाते में जमा किए गए 1 करोड़ 22 लाख रुपये का हिसाब मांगा है. आयकर विभाग ने इसके विवरण के साथ ही मंदिर की बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट, पी एण्ड एल खाता,आय-व्यय का ब्यौरा एवं अन्य खातों की जानकारी मांगी है.
प्रशासन से मांग रहा शासकीय होने का पुख्ता प्रमाण
नोटिस के जवाब में प्रशासन ने मंदिर के शासकीय होने एवं इस नाते आयकर की श्रेणी से बाहर होने की बात कही है. वहीं,आयकर विभाग प्रशासन के इस उत्तर से संतुष्ट न होते हुए इसका पुख्ता प्रमाण मांग रहा है. मंदिर प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2010 में भी आयकर विभाग ने आय को लेकर नोटिस जारी किया था.
उस समय तत्कालीन टीकमगढ़ कलेक्टर की ओर से धर्मस्व विभाग की सूची का हवाला देते हुए बताया गया था कि यह मंदिर शासकीय मंदिरों की सूची में 53वें नंबर पर अंकित है. इसके साथ ही प्रशासन ने साल 1999 में धर्मस्व विभाग द्वारा तैयार की गई सूची का हवाला भी दिया गया था. इसी आधार पर प्रशासन ने इस बार भी आयकर विभाग को जवाब भेजा है.
वर्ष 2019 में भी आयकर विभाग ने मांगा था 46 लाख रुपये टैक्स
यहां बताते चलें कि वर्ष 2019 में भी आयकर विभाग ने श्रीराम राजा मंदिर,ओरछा को 46 लाख रुपये टैक्स जमा करने का नोटिस जारी किया था. उस समय भी प्रशासन की ओर से इसे शासकीय मंदिर बताकर टैक्स दायरे से छूट मिलने की बात कही गई थी. मंदिर को शासनाधीन बताने के लिए प्रशासन की ओर से आयकर विभाग को पूरे इतिहास सहित ब्यौरा दिया गया है.
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