Ujjain Simhastha 2028: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ऐलान किया है कि हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी आश्रम और मठ स्थाई रूप से बनाने के लिए साधु संतों को जमीन दी जाएगी. उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से उन्हें भूमि का आवंटन किया जाएगा. इसके लिए कुछ नियम और शर्तों का पालन भी साधु संतों को करना पड़ेगा.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सोमवार (21 अक्टूबर) को उज्जैन में पत्रकारों से कहा कि सिंहस्थ 2028 के लिए जहां एक तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ साधु संतों को स्थाई रूप से जमीन देने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है. 






साधु-संतों को इन शर्तों का करना होगा पालन


उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि यदि साधु संतों को 5 बीघा जमीन आवंटित की गई है तो वे केवल चार बीघा पर ही स्थाई निर्माण कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान साधु संतों को जमीन देना चाहता है तो वह भी विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर इस योजना में सहयोग कर सकता है.


हरिद्वार की तर्ज पर होगा विकास
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हरिद्वार को मॉडल मानकर उज्जैन का विकास किया जाएगा. हरिद्वार में जिस प्रकार से साधु संतों के स्थाई निर्माण हैं, उसी तरीके से यहां भी स्थाई निर्माण होंगे. इसके लिए साधु संतों को भूमि आवंटन हेतु आमंत्रित भी किया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि इससे सिंहस्थ की जमीन पर अतिक्रमण भी नहीं हो सकेगा.


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