Rani Durgavati Jayanti: तेज, शौर्य, पराक्रम और अदम्य साहस की परिचायक रानी दुर्गावती की 500वीं जन्म जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पुष्पांजलि अर्पित की.


मुख्यमंत्री डॉ यादव दमोह के सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक के पूर्व सर्वप्रथम रानी दुर्गावती की प्रतिमा स्थल पर पहुंचे. पुष्पांजलि के पश्चात उन्होंने गोंड समाज के पदाधिकारियों एवं आमजनों, बालिकाओं से भेंट की और लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति भी देखी.






गोंडवाना साम्राज्य को एक अलग पहचान दिलाई
दुर्गाष्टमी के दिन जन्मीं रानी दुर्गावती ने बिल्कुल उनके नाम के अनुरूप ही वीरता, पराक्रम और सुशासन से गोंडवाना साम्राज्य को एक अलग पहचान दिलाई. उनके इस अभूतपूर्व योगदान के सम्मान में मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक आयोजित की है.






सिंग्रामपुर गांव दमोह जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर और राज्य की राजधानी भोपाल से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित है. यह गोंडवाना शासकों राजा दलपत शाह और रानी दुर्गावती की राजधानी रही है. रानी दुर्गावती का किला , जो सिंगोरगढ़ किले के रूप में प्रसिद्ध है, भी गांव के पास स्थित है. साथ ही, रानी दुर्गावती के पति राजा दलपत शाह की समाधि भी गांव में स्थित है और यहां रानी दुर्गावती की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है.


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