Singrauli Mayor Candidate: सिंगरौली में महापौर पद के लिए आखिरकार बीजेपी ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष चंद्रप्रताप विश्वकर्मा पर दांव लगाया है. नगर निगम चुनाव की घोषणा के वक्त से बड़े बड़े धुरंधर दावेदारी पेश कर रहे थे. सोशल मीडिया पर दावेदारों की बाढ़ सी आ गई थी. लेकिन अब बीजेपी हाईकमान ने सारी अटकलों पर विराम लगा दिया है. आज दोपहर जारी हुई लिस्ट में चंद्रप्रताप विश्वकर्मा के नाम पर मुहर लग गई.
माना जा रहा है कि असंतुष्ट दावेदार पार्टी में बगावत करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. सिंगरौली के बीजेपी जिला अध्यक्ष बीरेंद्र गोयल, विनोद चौबे, पीएन वैश्य समेत कई अन्य दावेदारों को झटका लगा है. पार्टी ने चंद्रप्रताप विश्वकर्मा को सिंगरौली महापौर पद का प्रत्याशी घोषित किया है. सिंगरौली नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष चंद्रप्रताप विश्वकर्मा की पहचान सरल स्वभाव और कार्यकर्ताओं के बीच सख्त छवि की है. चंद्रप्रताप विश्वकर्मा 1990 से ही राजनीति में सक्रिय हैं और बीजेपी में युवा मोर्चा मंडल उपाध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष समेत कार्यसमिति में रह चुके हैं. स्नातक तक की पढ़ाई करने वाले चंद्रप्रताप विश्वकर्मा का प्रोफेशन अब राजनीति ही बन गया है.
कौन हैं चंद्रप्रताप विश्वकर्मा?
जनता की सेवा, शौक और पार्टी कार्यालय ठिकाना है. नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष होने के चलते क्षेत्र में सक्रियता चयन का प्रमुख कारण रहा है. सभी वार्ड और बूथ के मतदाताओं से परिचित हैं और सुख दुख के सहभागी रहे हैं. चंद्रप्रताप विश्वकर्मा विधायक रामलल्लू वैश्य के करीबी माने जाते हैं. टिकट मिलने के पीछे भी विधायक की भूमिका मानी जा रही है. संगठनात्मक क्षमता और क्षेत्र में लोकप्रियता की वजह से पार्टी ने भरोसा जताया है. नगर निगम का पूर्व अध्यक्ष रहने के कारण पिछले पांच वर्षों से शहरी क्षेत्र में सक्रिय हैं.
बैठकों से लेकर धरना प्रदर्शन तक में आगे आगे रहते हैं. सोशल मीडिया पर एक्टिव बहुत ज्यादा नहीं हैं. वर्ष 1990 से राजनीति में सक्रिय हुए और बीजेपी जिला मंत्री से लेकर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य की भूमिका निभाई. नगर निगम क्षेत्र में सबसे अधिक ब्राह्मण फिर साहू और तीसरे नंबर पर वैश्य मतदाता हैं. विश्वकर्मा समाज का वोट सबसे कम होने के कारण चुनाव में चुनौती अधिक है. राजनीति में आने से पहले परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय थी.
BJP ने बनाया मेयर प्रत्याशी
चंद्रप्रताप विश्वकर्मा के पिता साइकिल की दुकान चलाते थे. वर्तमान में परिवार का बैकग्राउंड अब राजनीतिक के साथ व्यावसायिक हो गया है. राजनीति के क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने की वजह से पार्टी ने इस बार नगरीय निकाय चुनाव में मौका दिया है. चंद्रप्रताप विश्वकर्मा को टिकट मिलने से कई दावेदारों में खलबली मच गई है. असंतुष्ट दावेदारों ने पार्टी से बगावत करने का फैसला भी कर लिया है. अब देखने वाली बात होगी कि चुनावी रण में नतीजा क्या निकलता है.