Singrauli  News: सिंगरौली जिले के बरगवां डगा हल्का में पदस्थापित पटवारी श्यामाचरण दुबे काली कमाई का कुबेर निकला है. आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की 20 सदस्यीय टीम ने घर पर छापेमार कार्यवाही की. शुक्रवार को तड़के 5 बजे से शुरू हुई कार्रवाई 10 घंटे तक चली. छापेमारी के दौरान ईओडब्ल्यू को डेढ़ लाख की नकदी समेत भारी मात्रा में जेवरात और पांच करोड़ की अचल संपत्ति का पता चला. जेवरात की कीमत बाजार में सात लाख रुपये बताई जा रही है.


अनुकंपा की नियुक्ति से चंद वर्षों में पटवारी बना करोड़पति


श्यामाचरण दुबे ने राजस्व विभाग में पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति पर पटवारी की नौकरी हासिल की थी. लगभग 20 साल की नौकरी के दौरान ईओडब्ल्यू ने अर्जित आय से कई गुना बेनामी सम्पत्ति का आंकलन किया है. जांच पड़ताल में अब तक 5 करोड़ की बेनामी संपत्ति बरामद हुई. 


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श्यामाचरण दुबे ने राजस्व विभाग में पटवारी पद पर रहते भ्रष्टाचार और रिश्वत से काली कमाई कर ली थी. आरोप है कि कुछ वर्षों में ही धोखाधड़ी कर करोड़ों की संपत्ति बना ली. आखिरकार पटवारी कानून के लंबे हाथ में फंस गया. पटवारी पर इससे पहले भी धोखाधड़ी के 3 मामले दर्ज हैं और अब ईओडब्ल्यू के हत्थे चढ़ गया.


भ्रष्टाचार निवारण अधनियम के अंतर्गत IPC की धारा 13(1)B, 13(2) में अपराध दर्ज किया गया है. श्यामाचरण दुबे मूल रूप से सोनभद्र जिले का घरसडी (बीना) गांव निवासी बताया जा रहा है. सरकारी  विभाग में कार्यरत होने की वजह से पिता की मौत के बाद अनुकम्पा नियुक्ति राजस्व विभाग के पटवारी पद पर हो गई.


दौलत के नशे में मां-भाई को घर से धक्के मारकर निकाला


पिछले 20 वर्षों से सिंगरौली जिले के कई इलाकों में पटवारी का काम दुबे कर रहा है. नौकरी के दौरान उसने कई इलाकों में जमीन खरीद कर मकान बनवा लिया है. बताया जा रहा है कि पटवारी ने अपनी मां और भाई को घर से धक्के मारकर निकाल दिया है. मां और भाई अब भी गांव में गरीबी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं.


रिश्तेदारों ने बताया की श्यामाचरण दौलत के नशे में चूर हो गया था. उसने विधवा मां और भाई को घर से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया. उसकी मां और भाई आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. भ्रष्टाचार और रिश्वत की कमाई से करोड़ों की दौलत हासिल तो कर लिया लेकिन आज भी उसकी एक बेसहारा मां और भाई गरीबी का दंश झेलने को मजबूर हैं.


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