Singrauli Festival: स्थापना दिवस पर दीयों से जगमगाया सिंगरौली, राजस्व देने के मामले में प्रदेश में इस नंबर पर है यह जिला
MP News : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 24 मई 2008 को सीधी जिले अलग कर सिंगरौली को नया जिला बनाया था. सिगंरौली के 14वें स्थापना दिवस पर 6 दिन का भव्य महोत्सव आयोजित किया जा रहा है.
Singrauli Festival: सिंगरौलीवासियों के लिए 24 मई 2008 का दिन खास है. इसी दिन सीधी जिले से काटकर सिंगरौली (Singrauli) जिला बना था. इसी दिन शिवराज सरकार ने सिंगरौली के लोगों को जिले की सौगात दी थी. उस समय सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने इस इलाके को सिंगापुर (Singapore) बनाने का वादा किया था. इसके बाद से सिंगरौली जिले में विकास को पंख लग गए. इलाका काले हीरे की खान से लेकर बिजली का हब तक बन गया हैं. आज यह जिला इंदौर (Indore) के बाद प्रदेश में राजस्व के मामले में दूसरे नंबर पर है.
6 दिवसीय महोत्सव के रूप में मनाया गया सिंगरौली स्थापना दिव
इस बार सिंगरौली जिले का 14वां स्थापना दिवस पर 6 दिवसीय महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. महोत्सव के तीसरे दिन गुरुवार की पूर्व संध्या पर दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पूरे शहर में दिए जलाए गए. नवजीवन विहार में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री के साथ अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी शामिल हुए. इसके अलावा लोगों ने घरों में दीप जलाकर जिले के उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
इस महोत्सव में शुक्रवार को मशहूर गायक कैलाश खेर और मोनाली सिंह अपनी प्रस्तुति देंगे. यह कार्यक्रम एनसीएल ग्राउंड बिलौजी में आयोजित किया जाएगा.
सिंगरौली महोत्सव को लेकर कांग्रेस ने लगाया गंभीर आरोप
सिंगरौली महोत्सव पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के प्रदेश सचिव भास्कर मिश्रा ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सिंगरौली का विकास करने में तो शिवराज मामा ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है. शिवराज सरकार ने सिंगरौली जिले को सिंगापुर के तर्ज पर विकास की राह दिखाई है. अडानी बिड़ला, एनसीएल, एनटीपीसी, रिलायंस जैसे बड़े उद्योगपति घरानों की कंपनियां स्थापित की गई हैं, लेकिन यहां के लोग पलायन करने की स्थिति में हैं. यहां के स्थानीय लोग आज रोजगार व नौकरी पाने के लिए भटक रहे हैं. यहां के लोगों को विस्थापन, प्रदूषण, बीमारी, बेरोजगारी, इसके अलावा क्या मिला है.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि महोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर यही पैसा उन गरीब परिवार के लोगों में खर्च कर दिया गया होता तो उनकी जिंदगी की तस्वीर बदल जाती. आज भी सड़कों पर मासूम बच्चे भीख मांगने को विवश हैं, प्रशासन को ऐसे लोगों के बारे में सोंचने के लिए फुरसत नहीं है और सिंगरौली महोत्सव में इस साल भी शानदार तरीके से शहर को दुल्हन की भांति सजाया गया है.
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