Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली (Singrauli) में जमीन विवाद को लेकर एक व्यक्ति की हत्या करने का मामला सामने आया है. जमीन विवाद को लेकर दो पट्टीदारों के बीच खूनी झड़प हो गई. इसमें दोनों पक्षों के कई लोग जख्मी हो गए है. वहीं इलाज के दौरान एक शख्स की मौत हो गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है. 


क्या है मामला?
सिंगरौली जिले के झखरावल गांव मे रविवार की दोपहर जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर लाठी डंडे से मारपीट हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं दोनों पक्षों से कई लोग जख्मी हो गए हैं.घायलों का इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं बताया जा रहा है कि झखरावल गांव निवासी राजेन्द्र शाह, रमेश शाह का बृजेश द्विवेदी व उनके परिवार के लोगों से लंबे समय से जमीनी विवाद चल रहा था. इसी विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच जमकर कहासुनी हुई. विवाद इतना बढ़ गया कि एक दूसरे पर लाठी डंडे से प्रहार करने लगे. इस झड़प में राजेन्द्र के सिर में गंभीर चोट आई और इलाज के लिए उस जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. वहीं दोनों पक्षों के कई लोग अब भी जिला अस्पताल में भर्ती हैं.


एएसपी ने कहा- जल्द होगी गिरफ्तारी
वहीं इस मामले में सिंगरौली जिले के उपकप्तान शिव कुमार वर्मा ने कहा कि जमीनी विवाद में राजेन्द्र शाह की मौत की सूचना मिली है. इस विवाद में कुछ अन्य लोग भी घायल हैं, जांच की जा रही है, जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. जमीन से जुड़े विवादों के निपटान को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव है. ज्यादातर लोग जमीन संबंधी विवादों से जुड़ी कानूनी धाराओं से परिचित नहीं होते हैं. इस तरह के विवादों से लोगों का सामना अक्सर होता रहता है. कई बार यह विवाद बहुत बड़ा रूप ले लेते हैं. ऐसे में जमीन से जुड़े मामलों से संबंधित कानूनी प्रावधान और धाराओं की जानकारी होनी जरूरी है.


जमीन या अन्य संपत्ति से संबंधित सिविल कानून
जमीन संबंधी विवादों का निपटान सिविल प्रक्रिया के द्वारा भी किया जाता है. हालांकि कई बार इस इसमें लंबा समय लग जाता है,लेकिन यह सस्ती प्रक्रिया है.किसी की जमीन या संपत्ति पर गैरकानूनी तरीके कब्जा कर लेने पर इसके जरिए भी मामले को निपटाया जाता है. इस तरह के मामले सिविल न्यायालय देखता है.


स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट, 1963
भारत की संसद के द्वारा इस कानून को संपत्ति संबंधी मामलों में त्वरित न्याय के लिए बनाया गया था. इस अधिनियम की धारा-6 के द्वारा किसी व्यक्ति से उसकी संपत्ति को बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के छीन लेने या जबरदस्ती उस पर कब्जा कर लेने की स्थिति में इस धारा को लागू किया जाता है. धारा-6 के जरिए पीड़ित व्यक्ति को आसान तरीके से जल्दी न्याय दिया जाता है. हालांकि धारा-6 से संबंधित कुछ ऐसे नियम भी हैं जिनकी जानकारी होना जरूरी है.


धारा-6 से संबंधित कुछ नियम और महत्वपूर्ण बातें-



  • इस धारा के तहत न्यायालय के द्वारा जो भी आदेश या डिक्री पारित कर दी जाती है उसके बाद उसपर अपील नहीं की जा सकती.

  • यह धारा उन मामलों में लागू होती है जिनमें पीड़ित की जमीन से उसका कब्जा 6 महीने के भीतर छीना गया हो.अगर इस 6 महीने के बाद मामला दर्ज कराया जाता है तो फिर इसमें धारा 6 के तहत न्याय ना मिलकर सामान्य सिविल प्रक्रिया के जरिए इसका समाधान किया जाएगा.

  • इस धारा के तहत सरकार के विरुद्ध मामला लेकर नहीं आया जा सकता है.

  • इसके तहत संपत्ति का मालिक,किराएदार या पट्टेदार कोई भी मामला दायर कर सकता है.




यह भी पढ़ें:




दालों की कीमत में लगातार हो रही गिरावट से 200 करोड़ रुपये का नुकसान, जानें क्या है वजह