Singrauli Municipal Election News: सिंगरौली जिले में नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी. कांग्रेस ने शहरी कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. जब से चुनाव की घोषणा हुई है तब से जिले के बड़े बड़े धुरंधर अपनी अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे.,सोशल मीडिया पर ऐसे दावेदारों की बाढ़ सी आ गई थी लेकिन अब कांग्रेस के हाई कमान ने सारी अटकलों पर लगाम लगा दिया. गुरुवार देर रात आखिरकार पार्टी ने लिस्ट जारी कर ही दिया. सिंगरौली में नगर निगम चुनाव के लिए महापौर के लिए अरविंद सिंह चंदेल पर पार्टी ने अपनी मोहर लगा दी. लेकिन पार्टी के उन बड़े धुररंधरो को झटका लगा है जो अपनी दावेदारी पेश करने में लगे थे. ऐसे में ये लोग पार्टी से बग़ावत करने में कोई कोर कसर नही छोड़ेंगे.


कौन है अरविंद सिंह चंदेल
शहरी जिला अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल के बारे में माना जाता है कि राजनीति में अपने दम पर स्थान बनाया है और कॉलेज स्तर से ही राजनीति में सक्रिय रहे. छात्र राजनीति में एनएसयूआई के संगठन मंत्री, अध्यक्ष व महामंत्री रहे. उसके बाद युवक कांग्रेस के सचिव बने. ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में महामंत्री से लेकर शहर अध्यक्ष पद तक का सफर तय किया.


समाजशास्त्र व राजनीतिशास्त्र में स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई करने वाले अरविंद का प्रोफेशन अब राजनीति ही बन गया है. जनता की सेवा शौक व पार्टी कार्यालय ठीकाना है. इस चुनाव में इनके लिए प्लस प्वाइंट यह है कि पार्टी में शहर अध्यक्ष होने के चलते नगर निगम क्षेत्र में सक्रियता अधिक रही है. सभी वार्ड व बूथ के मतदाताओं से परिचित हैं और सुख-दु:ख में सहभागी रहे हैं. हालांकि नगर निगम क्षेत्र में जातीय समीकरण माइनस पहलू भी है. ठाकुर बिरादरी का वोट कम है. वर्ष 2018 में पार्टी से बगावत कर निर्दलीय विधायक प्रत्याशी रहे. उन्हें चुनाव में करारी हार का भी सामना करना पड़ा था.


कमलेश्वर पटेल के करीब माने जाते हैं अरविंद
अरविंद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के करीब माने जाते हैं. टिकट मिलने के पीछे भी इन्हीं दोनों की भूमिका मानी जा रही है. संगठनात्मक क्षमता और क्षेत्र में लोकप्रियताहै. शहर अध्यक्ष होने के चलते पिछले तीन वर्षों से शहरी क्षेत्र में सक्रिय है. बैठकों से लेकर धरना प्रदर्शन तक में सक्रिय रहे हैं. सोशल मीडिया में सक्रियता सामान्य रहती है. वर्ष 1989 से छात्र राजनीति में सक्रिय हुए और 1997 में सचिव युवक कांग्रेस बैढऩ ब्लॉक के साथ राजनीतिक कॅरियर आगे बढ़ा.


नगर निगम क्षेत्र में सबसे अधिक ब्राह्मण फिर साहू और इसके बाद वैश्य समाज के मतदाता है. ठाकुर समाज का वोट इन सबमें सबसे कम है. इसलिए चुनाव में चुनौती अधिक है.