Singrauli News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली के शासकीय प्राथमिक पाठशाला से शिक्षा को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है. जहां बच्चों के हाथों में किताबों की जगह बर्तन नजर आ रहे हैं. इन बच्चों को भोजन करने के बाद खुद ही अपने बर्तन धोने पड़ते हैं. मध्यप्रदेश में इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं, लेकिन फिर भी ये लापरवाही बंद होने का नाम नहीं ले रही है. ऐसे मामलों पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया जा रहा है. ताजा मामला सिंगरौली जिले के सरकारी स्कूल का है. यहां बच्चों को खुद ही बर्तन धोने पड़ते हैं. इतना ही नही थाली धोने के लिए पानी भी दूसरे जगह से लाना पड़ता है.
जानकारी के अनुसार स्कूल में हैंडपंप तो है लेकिन उसमें पानी नहीं आता है. इसलिए स्कूल के बच्चे नेशनल हाइवे क्रॉस कर पानी दूसरे जगह से बाल्टी में लाते हैं. मामला जिले के शासकीय प्राथमिक पाठशाला हर्रा वीरान गांव का है. हैरानी की बात तो यह है कि एक बाल्टी के पानी मे सारे बच्चे अपने थाली धो लेते है, इससे इंफेक्शन होने का भी खतरा बना रहता है. शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल आने वाले बच्चों को नियमित रूप से मिड-डे मील आहार तो मिल रहा है, लेकिन नौनिहालों से बर्तन धुलवाए जा रहे हैं.
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
बता दें कि जहां एक ओर सरकार पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया नारा दे रही है. वहीं सिंगरौली जिले के सरकारी स्कूलों में नौनिहाल मिड डे मील खाने के बाद बर्तन धोने को मजबूर हैं. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें: