एक्सप्लोरर

Siyasi Scan: मध्य प्रदेश ने 'नायक' फिल्म से 16 साल पहले ही देखा है एक दिन का CM, जानें शपथ और इस्तीफे का पूरा किस्सा

MP Siyasi Scan: यूं तो मध्य प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस दिग्गज स्वर्गीय अर्जुन सिंह से जुड़े तमाम किस्से हैं, लेकिन 1985 में उनके एक दिन के मुख्यमंत्री बनने की कहानी बेहद दिलचस्प है.

Siyasi Scan: फ़िल्म नायक में आपने अनिल कपूर को एक दिन का मुख्यमंत्री बनते देखा है. वे रील लाइफ में एक ही दिन में शासन व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए खूब तालियां बटोरते हैं. खैर, ये तो हुई फिल्मी बात लेकिन हकीकत में भी मध्य प्रदेश ने एक दिन का मुख्यमंत्री देखा है. इस फ़िल्म की रिलीज से 16 साल पहले दिग्गज कांग्रेस नेता और तत्कालीन राजनीति के चाणक्य अर्जुन सिंह ने एक दिन के लिए मध्य प्रदेश के सीएम की कुर्सी संभाली थी. आइए जानते हैं मध्य प्रदेश की राजनीति के इस अनोखे किस्से के बारे में.

यूं तो मध्य प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस दिग्गज स्वर्गीय अर्जुन सिंह से जुड़े तमाम किस्से हैं, लेकिन 1985 में उनके एक दिन के मुख्यमंत्री बनने की कहानी बेहद दिलचस्प है. साल 1984 में भोपाल में यूनियन कार्बाइड की दुर्घटना और उसके कर्ता-धर्ता वारेन एंडरसन को भगाने का विवाद हमेशा अर्जुन सिंह की चमकती राजनीति में बदनुमा दाग की तरह रहा. हालांकि, मध्य प्रदेश में दस्यु समस्या के समाधान के लिए अर्जुन सिंह को आज भी याद किया जाता है. तमाम नामी डकैतों ने अर्जुन सिंह के सामने आत्मसमर्पण किया था.

द्वारका प्रसाद मिश्र को गुरु मानते थे अर्जुन सिंह
स्व. अर्जुन सिंह का जन्म 5 नवंबर 1930 को तत्कालीन विंध्य प्रदेश (अब मध्य प्रदेश) के सीधी जिले के चुरहट कस्बे में हुआ था. इनके पिता राव शिव बहादुर सिंह कांग्रेस की राजनीति में पहले से सक्रिय थे. मध्य प्रदेश गठन के बाद साल 1957 में अर्जुन सिंह पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद उनकी राजनीति का ग्राफ लगातार नई ऊंचाइयां को छूने लगा. तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्र को अर्जुन सिंह अपना गुरु मानते थे. साल 1963 में उन्हें द्वारका प्रसाद मिश्र की सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया.

1972 से 1977 के बीच उन्होंने मध्य प्रदेश के शिक्षामंत्री का दायित्व संभाला.1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी के बाद अर्जुन सिंह को पहली बार मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके पहले कांग्रेस विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था.

मुलाकात के बाद पलटा पासा
राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड दुर्घटना और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख दंगों की आग के बावजूद अर्जुन सिंह के नेतृत्व में 1985 के विधानसभ चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की थी. विधायक दल ने अर्जुन सिंह को अपना नेता चुन लिया. मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार काशीनाथ शर्मा बताते हैं कि 15 मार्च 1985 को सीएम पद की शपथ लेने के बाद अर्जुन सिंह अपने मंत्रिमंडल की सूची लेकर दिल्ली पहुंचे. 

यहां तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से सूची पर अंतिम मुहर लगवानी थी. लेकिन राजीव गांधी से मुलाकात के बाद पासा पलट गया और वह हुआ जिसका भरोसा ना तो अर्जुन सिंह को था और ना ही मध्य प्रदेश की राजनीति को करीब से जानने वाले लोगों को.

माधवराज सिंधिया ने राजीव गांधी को मनाया
काशीनाथ बताते हैं कि अर्जुन सिंह के धुर विरोधी माधवराव सिंधिया दिल्ली में लगातार उनके खिलाफ माहौल बना रहे थे.इसी दौरान पंजाब में आतंकवाद के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे थे. इसी बीच माधवराव सिंधिया ने किसी तरह प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पंजाब की कमान यानी राज्यपाल की कुर्सी अर्जुन सिंह को देने के लिए मना लिया था.

हालांकि,उनकी नजर मध्य प्रदेश की सीएम की कुर्सी पर थी. अर्जुन सिंह भी खांटी नेता थे और उन्होंने माधवराव सिंधिया की इस चाल को भांपते हुए कमलनाथ के साथ मिलकर नया दांव चल दिया. अर्जुन सिंह ने अपने खासम-खास मोतीलाल वोरा का नाम आगे बढ़ाया और इस नाम पर राजीव गांधी भी तैयार हो गए. एक दिन का मुख्यमंत्री रहने के बाद अर्जुन सिंह ने इस्तीफा दे दिया और मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन गए.

अर्जुन सिंह ने ली केंद्रीय मंत्री की शपथ
बताते हैं कि यह अर्जुन सिंह का राजनीतिक कौशल ही था,जो उन्होंने पंजाब के गवर्नर रहते 6 माह के अपने कार्यकाल के दौरान ही ऐतिहासिक लोंगोवाल समझौता करवाकर पंजाब को शांति की ओर ले जाने में महती भूमिका निभाई थी. पंजाब से वापसी के बाद अर्जुन सिंह ने दिल्ली से लोकसभा का उपचुनाव लड़ा और जीतने के बाद राजीव गांधी मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री की शपथ ली. 

हालांकि, वे ज्यादा दिन तक मध्य प्रदेश से दूर नहीं रह सके. 14 फरवरी 1988 को उन्हें तीसरी बार मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया.

नरसिम्हाराव से मतभेद के चलते छोड़ी कांग्रेस
मध्य प्रदेश की राजनीति में अर्जुन सिंह बहुत बड़ा नाम थे. मध्य प्रदेश विधानसभा के साथ उन्होंने देश की दोनों संसदों यानी लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य होने का गौरव भी हासिल किया था. अर्जुन सिंह को मध्य प्रदेश की सतना और होशंगाबाद लोकसभा सीट से हार का सामना भी करना पड़ा.

तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव से मतभेद के चलते अर्जुन सिंह ने कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी भी गठित की थी. नारायण दत्त तिवारी के साथ मिलकर उन्होंने तिवारी कांग्रेस का गठन किया था. बाद में सोनिया गांधी के पार्टी प्रेसिडेंट बनने पर उनकी कांग्रेस में वापसी हो गई थी. 4 मार्च को 2011 को अर्जुन सिंह के निधन से मध्य प्रदेश के एक राजनीतिक अध्याय का अवसान हो गया.

यह भी पढ़ें: Siyasi Scan: भोपाल से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे दिग्विजय सिंह, आलाकमान के इस फरमान के बाद हुए राजी, पढ़ें पूरी कहानी

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Cabinet Briefing: किसानों की बढ़ेगी आय! मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- मोदी कैबिनेट ने लिए कौन-कौन से बड़े निर्णय
किसानों की बढ़ेगी आय! कैबिनेट बैठक में मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- बड़ी बातें
‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में भड़क गई थीं इमरान हाशमी की वाइफ, ऐसा क्या हुआ कि एक्टर का निकल आया था खून?
क्यों ‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में इमरान हाशमी ने खाई थी पत्नी से मार ?
Exclusive: हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- इंटरव्यू के 7 बड़े पॉइंट्स
हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- 7 बड़े पॉइंट्स
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Haryana Election: तंवर की घर वापसी...बीजेपी भंवर में फंसी! ABP NewsPublic Interest: नफरत वाले 'नाइक' की खुली पोल | ABP News | PakistanBharat Ki Baat: CM कुर्सी छोड़ने के बाद इस घर में रहेंगे Arvind Kejriwal | AAP | Delhi | ABP NewsSandeep Chaudhary: हरियाण में थमा चुनावी शोर..कौन मजबूत,कौन कमजोर? वरिष्ठ पत्रकारों का सटीक विश्लेषण

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Cabinet Briefing: किसानों की बढ़ेगी आय! मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- मोदी कैबिनेट ने लिए कौन-कौन से बड़े निर्णय
किसानों की बढ़ेगी आय! कैबिनेट बैठक में मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- बड़ी बातें
‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में भड़क गई थीं इमरान हाशमी की वाइफ, ऐसा क्या हुआ कि एक्टर का निकल आया था खून?
क्यों ‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में इमरान हाशमी ने खाई थी पत्नी से मार ?
Exclusive: हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- इंटरव्यू के 7 बड़े पॉइंट्स
हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- 7 बड़े पॉइंट्स
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
Natasa Stankovic ने फ्लॉन्ट किया बिकिनी में फिगर, तस्वीरें देख दिल हार बैठे फैंस
नताशा स्टेनकोविक ने फ्लॉन्ट किया बिकिनी में फिगर, वायरल हुईं फोटोज
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
Marital Rape Row: मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण, जानें इसके इलाज का तरीका
गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण
Embed widget