(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP News: उज्जैन में जीनोम सीक्वेंसिंग की धीमी रफ्तार बनी मुसीबत, तीन हजार कोरोना मरीजों की अभी तक नहीं आयी रिपोर्ट
उज्जैन से 3000 से ज्यादा मरीजों की रिपोर्ट जीनोम सिक्वेंस के लिए दिल्ली भेजी जा चुकी है, इनमें से मात्र 10 मरीजों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है.
MP News: महामारी कोरोना से कैसे जीत मिलेगी ? इस सवाल का जवाब देने से पहले उज्जैन संभाग में कोरोना मरीजों की जीनोम सिक्वेंस की रिपोर्ट की हालत देखकर मंथन करना बेहद जरूरी है. यहां पर 3000 से ज्यादा मरीजों की रिपोर्ट जीनोम सिक्वेंस के लिए दिल्ली भेजी जा चुकी है, इनमें से मात्र 10 मरीजों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है. उल्लेखनीय है कि डेल्टा और ओमीक्रोन वायरस को लेकर लोगों के बीच काफी भय व्याप्त है. ओमीक्रोन की पुष्टि के लिए जीनोम सिक्वेंस की रिपोर्ट बेहद जरूरी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर डेल्टा वेरिएंट की भी पुष्टि होती है. कोरोना के अलग अलग वेरिएंट की पुष्टि के लिए स्वास्थ्य विभाग जिनोम सिक्वेंस के सैंपल भेजे जा रहे है. कोविडी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एचपी सोनाने में बताया कि उज्जैन जिले के दो हजार से ज्यादा मरीजों के सैंपल जिनोम सिक्वेंस के लिए दिल्ली भेजे गए हैं.
दिल्ली से नहीं हो रही है रिपोर्ट प्राप्त
उज्जैन संभाग की बात की जाए तो यहां पर यह आंकड़ा 3000 से ज्यादा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल दिल्ली से 10 मरीजों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है. जिसमें ओमीक्रोन या डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि नहीं हो पाई है. अभी भी 3000 मरीजों की रिपोर्ट का इंतजार है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 1 महीने में भी दिल्ली से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है. इसे लेकर जिला प्रशासन भी काफी चिंतित है. उज्जैन में अभी तक एक भी ओमीक्रोन पोजिटिव मरीज की पुष्टि नहीं हो पाई है. यही हालत पूरे संभाग की है. पूरे संभाग में एक भी ओमीक्रोन या डेल्टा पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया है. इसका सबसे बड़ा कारण जीनोम सिक्वेंस की रिपोर्ट है. जब तक रिपोर्ट में वेरिएंट की पुष्टि नहीं होगी, तब तक चिकित्सक सामान्य उपचार और सावधानी बरत रहे हैं.
रिपोर्ट को लेकर जिला प्रशासन भी चिंतित
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक अभी तक रिपोर्ट क्यो प्राप्त नहीं हो रही है ? इस संबंध में अपने स्तर पर जानकारी हासिल की जा रही है. जिला प्रशासन की ओर से लगातार स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से अपडेट लिया जा रहा है. रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की वजह से रतलाम, नीमच, मंदसौर के अधिकारी भी परेशान है.
छोटे जिलों की हालत और भी बदत्तर
जब संभागीय मुख्यालय उज्जैन में मरीजों की जिनोम सिक्वेंस की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है तो ऐसी स्थिति में छोटे छोटे जिलों की हालत बेहतर समझी जा सकती है. उज्जैन संभाग में शाजापुर, आगर जैसे छोटे जिले भी है जहां पर अभी मरीजों और चिकित्सकों को भी जिनोम सीक्वेंस रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है.
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