Somvati Amavasya 2024 Date: वैदिक पंचांग के अनुसार आज (सोमवार) सोमवती अमावस्या है. धार्मिक नगरी उज्जैन में शिप्रा के तट पर आस्था का सैलाब उमड़ा. दोपहर तक 2 लाख से श्रद्धालुओं ने शिप्रा नदी में आस्था की डुबकी लगायी.


श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे प्रशासन और पुलिस महकमे की व्यवस्था कम पड़ गयी. शिप्रा नदी में स्नान कर पुण्य की आस लगाये श्रद्धालुओं के आने सिलसिला जारी है. पंडित अमर डिब्बे वाला के मुताबिक शिप्रा नदी में सोमवती अमावस्या पर स्नान करने का विशेष महत्व है.


सोमवती अमावस्या पर आस्था का सैलाब


माना जाता है कि नदी में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. श्रद्धालुओं को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. देश भर से श्रद्धालु सोमवती अमावस्या पर उज्जैन में पितरों के तर्पण और पिंडदान करते हैं. पितरों को खुश करने के बाद शिप्रा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. अंत में भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेते हैं. सोमवार को सुबह से रामघाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती हुई दिखाई दी. उन्होंने बताया कि दोपहर तक लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामघाट पर स्नान कर चुके थे. 




उज्जैन में शिप्रा के तट पर लगायी डुबकी


उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि शहर के धार्मिक स्थलों पर विशेष इंतजाम किए गए. घाटों पर भी श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा गया. देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पर्व को मनाने उज्जैन पहुंचे हैं. पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल लगाया गया है. शहर में भी यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है. श्रद्धालुओं की भीड़ धार्मिक स्थलों पर काफी है.


रामघाट के पंडित राकेश गुरु ने बताया कि शिप्रा नदी उत्तर वाहिनी है. उत्तरों की दिशा देवताओं की दशा मानी जाती है. इसलिए सोमवती अमावस्या पर उज्जैन की शिप्रा नदी में स्नान के बाद धूप ध्यान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. धार्मिक कार्य से पितरों को शांति मिलती है.


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