Atiq Ahmed Son Encounter: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन पहुंचे समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे के एनकाउंटर पर कहा कि उत्तर प्रदेश एनकाउंटर का प्रदेश हो गया है. यहां अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा कर सरकार के दबाव में इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं. बता दें कि अखिलेश यादव खरगोन (Khargone) में मध्य प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुभाष यादव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने पहुंचे थे. पिछले दिनों सुभाष यादव की जयंती मनाई गई थी. इसके उपलक्ष्य में यादव परिवार ने पुष्पांजलि का कार्यक्रम रखा था जिसमें शिरकत करने अखिलेश यादव मध्य प्रदेश आए थे, जहां उन्होंने यह बात कही.
खरगोन के बोरावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय सुभाष यादव की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे अखिलेश यादव ने मीडिया से खुलकर बात की. उन्होंने मंच से यूपी सरकार को घेरा तो वहीं मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव द्वारा शुरू की गई सहकारिता की तारीफ भी की. मीडिया ने जब अखिलेश यादव से अतीक अहमद के बेटे के एनकाउंटर के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि हम मध्य प्रदेश में हैं और उत्तर प्रदेश में थोडा मुड़कर अगर हम देखें तो उत्तर प्रदेश में यहां से एक गाड़ी गई थी और यूपी में उसी के आसपास गाड़ी पलट गई थी, केवल हम लोगों ने ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश की जनता ने सवाल उठाए थे कि गाड़ी आखिरकार कैसे पलट गई.
यूपी में हो रहे फेक एनकाउंटर- अखिलेश
अखिलेश ने आगे कहा कि उससे पहले ही यादव जाति के एक नौजवान की पुलिस से हत्या की और फेक एनकाउंटर दिखाया. कुछ दिन पहले आपने वह तस्वीर देखी होगी जहां एक मां बेटी को प्रशासन के लोगों ने जलाया और सबने उनको जलते हुए देखा. उत्तर प्रदेश से एनकाउंटर का प्रदेश बन गया है. यूपी में फेक एनकाउंटर हो रहे हैं. अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर रखकर सरकार के दबाव में यह घटनाएं कर रहे हैं.
बता दें कि यादव परिवार के इस आयोजन को राजनीतिक गलियारे में अलग चश्मे से देखा जा रहा है. राजनीतिक विशेषज्ञ इसे चुनाव के पहले यादव परिवार के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देख रहे हैं. अखिलेश यादव ने भी मंच से कहा कि वह अरुण यादव और सचिन यादव के साथ हमेशा खड़े हैं, जब भी उन्हें जरूरत महसूस होगी वह उनके साथ रहेंगे. हालांकि उन्होंने मंच से जाते जाते यह भी कहा कि दिल्ली और भोपाल वाले अगर इसके राजनीतिक मायने निकालते हैं, तो वह भी सही है.