Chaitra Navratri 2023 Special: महाकाल वन में स्थित 51 शक्ति पीठ में शामिल माता हरसिद्धि के दरबार में रोज 1051 दीपकों से आरती होती है. नवरात्रि के दौरान देशभर के श्रद्धालु माता का आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं.हरसिद्धि मंदिर में दूसरे माता मंदिरों की अपेक्षा अलग परंपराओं से पूजन और आरती होती है. 


मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्राचीन समय से ही महाकाल वन के रूप में जाना जाता है.महाकाल वन क्षेत्र शिव और शक्ति के अदभुत मिलन के लिए जाना जाता है.महाकालेश्वर मंदिर के ठीक पीछे 51 शक्ति पीठ में शामिल माता हरसिद्धि का दरबार है.माता हरसिद्धि के मंदिर में नवरात्रि के दौरान विशेष प्रकार की पूजा-अर्चना होती है.


क्या कहना है जानकारों का


हरसिद्धि मंदिर के पुजारी पंडित रामचंद्र गिरी के मुताबिक माता हरसिद्धि का दरबार ब्रह्म मुहूर्त में खुलता है.इसके बाद यहां माता का दूध,दही,शहद, शक्कर,जल आदि से पंचामृत पूजन और अभिषेक होता है.इसके बाद माता का दरबार आम श्रद्धालुओं के लिए सोलह श्रृंगार के पश्चात खोला जाता है. मंदिर परिसर में 1051 दीप मालिकाएं हैं. उनको आरती के दौरान प्रज्वलित किया जाता है.पंडित राम चंद्र गिरी के मुताबिक उज्जैन में माता की कोहनी गिरी थी.इसके बाद यहां पर शक्तिपीठ की स्थापना हुई. 


सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी हैं मां हरसिद्धि


माता हरसिद्धि को सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी माना जाता है.पंडित रामचंद्र गिरी के मुताबिक सम्राट विक्रमादित्य प्रतिदिन माता का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर आते थे. ऐसा कई कथाओं में भी वर्णन आता है.नवरात्रि के दौरान माता के दरबार में जो भी भक्त झोली फैला कर आता है वहां मनवांछित फल पाता है. 


दिल्ली से दर्शन करने के लिए आए रामेंद्र सिंह ने बताया कि वह हर साल नवरात्रि के दौरान माता हरसिद्धि का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं.यहां पर जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है.इंदौर से माता का आशीर्वाद लेने पहुंची संगीता सिंह का कहना है कि नाम से ही माता हरसिद्धि काम को सफल कर देती है.माता हरसिद्धि के दरबार में सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.माता हरसिद्धि के दरबार में पहुंची राज्यश्री ने बताया कि नवरात्रि के अलावा भी भक्तों की हमेशा भीड़ बनी रहती है. 


माता हरसिद्धि मंदिर में नवदुर्गा के दर्शन


माता हरसिद्धि मंदिर में नवदुर्गा के एक साथ दर्शन होते हैं.पंडित राजू गोस्वामी के मुताबिक हरसिद्धि मंदिर में मुख्य प्रतिमा माता हरसिद्धि की है.इसके अलावा उनके ऊपर माता अन्नपूर्णा विराजमान है, जबकि नीचे मां कालिका के दर्शन होते हैं.माता कालिका के आसपास छह देवियां विराजमान हैं.  इस प्रकार हरसिद्धि मंदिर में माता नवदुर्गा का आशीर्वाद मिलता है.


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