मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में जिला प्रशासन की ओर से जबलपुर के मशहूर समदड़िया बिल्डर के खिलाफ माफिया दमन की बड़ी कार्रवाई की गई है. प्रशासन ने बिल्डर से पौने 200 करोड़ की सरकारी ज़मीन कब्जा मुक्त कराई है. जिला प्रशासन की ओर से सिविल थाने के सामने और पुराने आरटीओ ऑफिस के पीछे की करीब 8.86 एकड़ बेशकीमती शासकीय भूमि को बिल्डर के अतिक्रमणों से मुक्त कराने की कार्रवाई की गई.
भूमि का बाज़ार मूल्य है एक अरब 72 करोड़ रुपये
रांझी तहसील के अंतर्गत ब्लाक नम्बर 23 के प्लाट नम्बर 1 और 2 की इस भूमि का बाज़ार मूल्य लगभग एक अरब 72 करोड़ रुपये है. कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर पुलिस और नगर निगम के सहयोग से यह कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई में यहां सालों पहले अतिक्रमण कर बनाए गए निर्माणों को जेसीबी मशीनों से गिरा दिया गया. मौके पर अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया, तहसीलदार रांझी श्याम नन्दन चंदेले और तहसीलदार आधारताल राजेश सिंह मौजूद थे.
अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया के मुताबिक, ब्रिटिश काल की बर्न कोर्ट की यह भूमि शासन में वेष्ठित हो गई थी. इस भूमि को लेकर शासन और समदड़िया ग्रुप के बीच कानूनी विवाद चल रहा था. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, जहां सुप्रीम कोर्ट ने शासन के पक्ष में फैसला दिया.
अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था मैरिज हॉल- अपर कलेक्टर
अपर कलेक्टर ने बताया कि इस भूमि पर अवैध रूप से मैरिज हॉल संचालित किया जा रहा था और यहां वर्कशॉप भी बना ली गई थी. इसके अलावा यहां 20 से ज्यादा ठेले टपरे भी लगा लिये गये थे. कार्रवाई के दौरान इन सभी को हटा दिया गया. अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया ने बताया कि सिविल लाइन स्थित इस भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत कमिश्नर कार्यालय और प्रशासनिक अधिकारियों के आवासों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है.