MP Election 2023: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने एक बड़ी घोषणा की है.उन्होंने कहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों (Government School) के छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में कोटा (Reservation) मिलेगा. मुख्यमंत्री बालाघाट जिले के लामता में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.यह जानकारी उन्होंने एक ट्वीट के जरिए भी दी है. मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव (MP Assembly Election 2023) होने हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री की इस घोषणा का महत्व बढ़ जाता है.


क्या कहा है मुख्यमंत्री ने


चौहान ने कहा,''मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) के आधार पर किया जाता है.हम मेडिकल की पढ़ाई में सरकारी स्कूलों के छात्रों को बिना जाति के भेदभाव के आरक्षण देंगे.'' उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या गरीब परिवार के छात्रों और किसानों के बच्चों को डॉक्टर बनना चाहिए या नहीं. इसके बाद उन्होंने कहा कि नया कोटा यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी स्कूलों के छात्रों की एक निश्चित संख्या में मेडिकल कॉलेजों और इंजीनियरिंग कॉलेजी में एडमिशन मिले.




मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को सुरक्षा देनी होगी अन्यथा वे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वालों की तुलना में पिछड़ जाएंगे.उन्होंने इससे पहले घोषणा की थी कि राज्य सरकार गरीब परिवार के छात्रों की मेडिकल कॉलेज की फीस का भुगतान करेगी.उन्होंने सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हैं, ये स्कूल प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर हैं. 


कैसे मिलेगा रिजर्वेशन


मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीटर पर लिखा, ''हमने तय किया है कि मध्य प्रदेश में अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूलों के बच्चों की अलग से मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी ताकि उन्हें भी एक निश्चित संख्या में कॉलेज में प्रवेश मिल सके.''


शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने हाल ही में घोषणा की कि गरीब छात्रों की मेडिकल और इंजीनियरिंग की फीस का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाएगा.सीएम ने कहा था कि हमने फैसला किया है कि हर गरीब का घर होना चाहिए.राज्य में कोई बेघर नहीं रहेगा.सब पढ़ाई भी करेंगे.इसलिए सरकार ने गरीब और प्रतिभावान छात्रों की इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई की फीस भरने का फैसला किया है.


उन्होंने कहा कि सरकार मेरिट हासिल करने वाले बच्चों को आगे पढ़ने के लिए उनकी फीस का भुगतान करेगी.इसके तहत उन बच्चों की फीस सरकार भरेगी,जिनके परिवार की आय सालाना आठ लाख रुपये तक है.


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