OBC Reservation: मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, एक हफ्ते में अधिसूचना जारी करने को कहा
MP News: सुप्रीम कोर्ट ने एमपी स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण को हरी झंडी दे दी है. अदालत ने राज्य के निर्वाचन आयोग को एक हफ्ते में आरक्षण की अधिसूचना जारी करने को कहा है.
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सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण को हरी झंडी दे दी है. अदालत ने राज्य के निर्वाचन आयोग को एक हफ्ते में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा है. राज्य सरकार की ओर से दायर संशोधन याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह याचिका दायर की थी. देश की शीर्ष अदालत ने 10 मई को सरकार को ओबीसी आरक्षण के बिना ही पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव कराने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधा.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार की ओर से दायर संशोधन याचिका (एप्लिकेशन फॉर मॉडिफिकेशन) पर सुनवाई करते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की ओर से किए गए ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट को मान लिया. फैसले के मुताबिक एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण किसी भी सूरत में 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. अदालत ने आरक्षण की प्रक्रिया को एक सप्ताह के भीतर करने के आदेश राज्य सरकार को दिए हैं. वहीं, चुनाव 2022 के परिसीमन से कराने की मांग को भी अदालत ने मान लिया है.आरक्षण की अधिसूचना जारी होने के अगले हफ्ते चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है.
कांग्रेस और कमलनाथ हमेशा षड्यंत्र ही करते रहे, कभी भी उनकी नीयत ओबीसी को न्याय देने की नहीं थी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 18, 2022
मैं आज पूछ रहा हूं कमलनाथ जी क्यों आपके एडवोकेट जनरल ओबीसी के लिए 27% आरक्षण की बात थी तो कोर्ट में खड़े नहीं हुए?
कमलनाथ जी, अब ओबीसी बहुत समझदार है, आपने पाप किया है वह जान गया है। pic.twitter.com/tsIGr9KABi
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने भोपाल में कहा, ''कांग्रेस और कमलनाथ हमेशा षड्यंत्र ही करते रहे, कभी भी उनकी नीयत ओबीसी को न्याय देने की नहीं थी। मैं आज पूछ रहा हूं कमलनाथ जी क्यों आपके एडवोकेट जनरल ओबीसी के लिए 27% आरक्षण की बात थी तो कोर्ट में खड़े नहीं हुए? कमलनाथ जी, अब ओबीसी बहुत समझदार है, आपने पाप किया है वह जान गया है.''
हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि मध्यप्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होना चाहिये, सरकार इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाये।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 18, 2022
हमने ओबीसी आरक्षण को लेकर सदन में भी लड़ाई लड़ी थी और उसके बाद सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित हुआ था कि
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अघ्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम अपना वादा हर हाल में निभाएंगे , हमारा तो दृढ़ संकल्प है कि ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण का हक व अधिकार मिले , उसको हम हर हाल में पूरा करेंगे. यह निर्णय कांग्रेस के संघर्ष की व ओबीसी वर्ग की जीत है, जिसने ओबीसी विरोधी शिवराज सरकार को झुकने पर मजबूर किया.''
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