Inodre: इंदौर लॉ कॉलेज के सहायक प्रोफेसर को मिली सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत, विवादित किताब से जुड़ा है मामला
पिछले साल इंदौर के शासकीय नवीन विधि कॉलेज में पढ़ाई जा रही विवादित "सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति" नामक पुस्तक पर हंगामा खड़ा हुआ था. दिसंबर 2022 में किताब पर विवाद खड़ा हुआ था.
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Indore Law College: सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को इंदौर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में सहायक प्रोफेसर को बड़ी राहत दी. हिंदूफोबिया को बढ़ावा देने और भारत विरोधी प्रचार के आरोपों पर दर्ज एफआईआर में डॉ मिर्जा मोजिज बेग को अग्रिम जमानत मिल गई. डॉ. फरहत खान की लिखी किताब 'कलेक्टिव वॉयलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम' की लाइब्रेरी में मौजूदगी पर हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा खड़ा कर दिया था. दिसंबर 2022 में किताब को 'हिंदूफोबिक और राष्ट्रविरोधी' बताते हुए विरोध किया गया था.
डॉ मिर्जा मोजिज बेग को अग्रिम जमानत
विवाद बढ़ने के बाद लेखिका सहित प्रिंसिपल और सहायक प्रोफेसर डॉ मिर्जा मोजिज बेग पर भी मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले में सहायक प्रोफेसर अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हुए थे. आज सुप्रीम कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मिर्जा मोजिज बेग को अग्रिम जमानत देने का आदेश पारित किया. सुप्रीम कोर्ट में सहायक प्रोफेसर डॉ मिर्जा मोजिज बेग ने स्पेशल लीव पिटीशन में अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि अनुबंध के आधार पर कॉलेज में शामिल होने से पहले किताब 2014 में खरीदी गई थी. उन्होंने अदालत को ये भी बताया कि किताब 18 वर्षों से मास्टर कोर्स का हिस्सा रही है और पूरे मध्य प्रदेश में आपराधिक कानून में विशेषज्ञता वाले सभी पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को पढ़ाई भी जाती है.
सुप्रीम कोर्ट से सहायक प्रोफेसर को राहत
बता दें कि पिछले साल इंदौर के शासकीय नवीन विधि कॉलेज में पढ़ाई जा रही विवादित "सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति" नामक पुस्तक पर हंगामा खड़ा हुआ था. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल इनामुर्रहमान ने इस्तीफा भी दे दिया. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. इंदौर की भंवरकुआं पुलिस ने लेखिका फरहत खान, प्रिंसिपल इनामुर्रहमान, सहायक प्रोफेसर मोजिज बेग सहित किताब के पब्लिशर पर केस दर्ज किया. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर 7 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई. जांच कमेटी ने कॉलेज पहुंचकर करीब ढाई सौ छात्र-छात्राओं के बयान दर्ज किए. कॉलेज के 17 शिक्षकों के बयान भी लिए. स्वास्थ्य को देखते हुए नोटिस तामील कर लेखिका को छोड़ दिया गया.
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