Sehore News: मध्य प्रदेश के अंदर बीते 15 दिन किसानों के लिए अत्यंत कष्टदायक रहे हैं.मध्य प्रदेश सरकार ने 15 दिन में बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा देने की बात कही थी.लेकिन यह दावा पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है. पटवारियों और राजस्व विभाग के अमले को यह सर्वे करना है. लेकिन अभी तक पहले चरण का सर्वे ही पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में सवाल यह है कि बाद वाले सर्वे को कैसे समय पर पूरा किया जा सकता है. वहीं राजस्व अधिकारियों का मानना है की सर्वे के लिए राजस्व, कृषि और अन्य विभागों की सहायता लेकर मैदानी टीम बनाई गई है. यह टीम जल्द ही रिपोर्ट पेश करने वाली है.लेकिन हालात यह है कि किसान पहले से ही परेशान हैं और यदि उन्हें समय पर मुआवजा नहीं मिला तो उनकी स्थिति और खराब हो सकती है.
अफसरशाही के दांव-पेंच में फंसा सर्वे
अफसरशाही के दांव-पेंच में फंसा सर्वे अभी तक पूर्ण होता नहीं दिखाई दे रहा है. प्रदेश के अंदर ओलावृष्टि पांच मार्च को भी हुई थी. उसका सर्वे समय पर नहीं हुआ. इसके बाद 15-16 मार्च के दौरान भी ओलावृष्टि हुई. इससे कई इलाकों की फसल को चौपट हो गई. भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर ने कहा कि आज तक फसल बीमा का सिस्टम किसी किसान को समझ नहीं आया है. इसके चलते सरकार कई बार हंसी का पात्र भी बन चुकी है क्योंकि किसानों को मुआवजा के नाम पर न्यूनतम राशि किसानों को दी जाती है.
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को राहत देने के लिए दो चरणों में सर्वे करा रही है. लेकिन पहले चरण के अंतर्गत केवल रतलाम, मंदसौर, विदिशा और धार को शामिल किया गया है.कहा गया है कि यहां नुकसान 25 फीसदी से अधिक दिखाई दे रहा है, लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे जिले हैं जिनमें ओलावृष्टि हुई है. इसको लेकर किसान नाराज बताए जा रहे हैं. देखने वाली बात होगी अफसर और सरकार किस प्रकार से किसानों को संतुष्ट कर पाते हैं.
क्या कहना है किसानों का
सीहोर जिले के ग्राम चंदेरी और भगवानपुरा के किसान व समाज सेवी एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में खराब हुई गेंहू की फसल हाथ में लेकर नायब तहसीलदार शेफाली जैन को सौंपा ज्ञापन.किसानों नें बताया कि ओलावृष्टि बारिश से फसल खराब हो गई है. फसल का सर्वे करने पटवारी खेतों तक नहीं पहुंचे हैं. जब पटवारी सर्वे करने नहीं पहुंचे तो किसानों ने स्वयं हाथों में खराब फसल लाकर तहसीलदार को दिखाई
चंदेरी गांव के 10 से अधिक किसानों ने सीएम हेल्पलाईन 181 पर पटवारी की शिकायत की. इन किसानों ने सर्वे कराने की मांग की. मेवाड़ा ने कहा कि फसल का आरबीसी 64 के अंतर्गत मुआवजा देने की मांग 16 को भी किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर की थी.उन्होंने कहा कि इतना समय होने के बाद भी अभी तक पटवारी मौके पर नहीं पहुंचा है. इससे किसान दुखी हैं.
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