Surya Grahan 2023: सूर्य ग्रहण के दौरान बंद नहीं होंगे मध्य प्रदेश के इस मंदिर के कपाट, सिर्फ पूजा के समय में होगा थोड़ा बदलाव
Solar Eclipse 2023: आज सूर्य ग्रहण वैशाख अमावस्या के दिन लग रहा है. यह सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगा है. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इस वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
Surya Grahan 2023 Effect: आज इस साल का पहला सूर्य ग्रहण आज यानी वैशाख अमावस्या के दिन लग रहा है. यह सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि पांच घंटे 24 मिनट तक रहेगी. यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. आज के सूर्य ग्रहण के बाद भारत का दूसरा ग्रहण 14 अक्टूबर को होगा. इस ग्रहण को भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा.
पूजा के समय में थोड़ा बदलाव
ग्रहण के दौरान देशभर के हिंदू मंदिरों के कपाट बंद रखे जाते हैं. इस दौरान कोई भी पूजा नहीं होती है. लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है, जहां यह नियम लागू नहीं होता है. ग्रहण के दौरान यह मंदिर खुला रहता है. हम बात कर रहे हैं उज्जैन के महाकाल मंदिर की. ऐसी मान्यता है कि महाकाल मंदिर में ग्रहण का कोई असर नहीं होता है. महाकाल कालों के काल हैं, इसलिए किसी भी ग्रहण से मंदिर में किसी भी प्रकार की रोक टोक नहीं होती है. मंदिर में दर्शन बंद नहीं होता. आज भी ग्रहण के दौरान मंदिर के पट बंद नहीं रहेंगे. हालांकि पूजा-पाठ के समय में थोड़ा अंतर जरूर रहता है और गर्भ गृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिलता है. सूर्य ग्रहण के बाद मंदिर परिसर को धोने की परंपरा है. इस दौरान साफ-सफाई भी की जाती है.
कहां कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण
आज लग रहे सूर्य ग्रहण को आस्ट्रेलिया समेत चीन, थाईलैंड, अमेरिका, मलेशिया, जापान, न्यूजीलैंड समेत दुनिया के कुछ दूसरे देशों में देखा जा सकेगा. यह सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगा है. हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इस वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. शास्त्रों के अनुसार जहां-जहां पर ग्रहण का असर होता है, वहां पर सूतक काल प्रभावी माना जाता है. इस कारण से भारत में सूतक काल प्रभावी नहीं होगा. सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल ग्रहण के लगने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और ग्रहण की समाप्ति तक रहता है.
इस सू्र्य ग्रहण को हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है. यह शताब्दी में केवल कुछ बार ही देखने को मिलता है. माना जा रहा है कि इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश दुनिया, मानव जीवन समेत पूरी पृथ्वी पर पड़ेगा. सूर्य ग्रहण कई तरह का होता है. पहला होता है- पूर्ण सूर्य ग्रहण, दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण, तीसरा कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होता है, चौथे प्रकार के सूर्य ग्रहण को संकरित सूर्य ग्रहण कहते हैं. इसे वैज्ञानिक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहते हैं. यह सूर्यग्रहण आज लग रहा है. हाईब्रिड सूर्य ग्रहण इसे इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह ग्रहण अलग-अलग जगहों पर अलग अलग रूप में दिखाई देगा. कुछ जगहों पर पूरा सूर्य ग्रहण होगा तो कुछ जगह पर आंशिक. इसलिए इसे हाईब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है.
कब लगता है सूर्य ग्रहण?
पृथ्वी समेत सभी ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं और चंद्रमा पृथ्वी का. परिक्रमा लगाने में कभी-कभी चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाती है. इससे चंद्रमा कुछ समय के लिए सूर्य को पृथ्वी पर आने से रोक लेता है. इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
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