Swami Nischalanand on Mohan Bhagwat: आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) लगातार गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Swami Nischalanand Saraswati) के निशाने पर है. जबलपुर में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने हिंदू (Hindu) राष्ट्र के मुद्दे पर मोहन भागवत को फिर आड़े हाथों लिया. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि मोहन भागवत अपनी बातों को लेकर स्पष्ट नहीं है. उनकी कूटनीति समझिए,जब वह छत्तीसगढ़ जाते हैं तो कहते हैं कि हिंदू राष्ट्र बनाएंगे लेकिन जब दूसरे राज्यों में जाते है,तो वहां कहते हैं कि देश हिंदू राष्ट्र है. उनके इस तरह के बयान से पता चलता है कि वह अपनी बातों को लेकर स्पष्ट नहीं हैं. स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनने में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं है.


आरएसएस चीफ मोहन भागवत द्वारा हाल ही में ब्राह्मणों को लेकर दिए गए बयान पर भी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ब्राह्मण हैं और जिस तरह का बयान वह देते हैं उससे उनके पूर्वज स्वर्ग में रो रहे होंगे. वर्ण व्यवस्था पर मोहन भागवत के बयान पर शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें कुछ भी बोलने से पहले गीता का पहला अध्याय पढ़ लेना चाहिए. गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि 18 महीने पहले उन्होंने हिंदू राष्ट्र को लेकर अपना संकल्प दोहराया था, लेकिन उनकी मंशा बिना मार काट और खून-खराबे के हिंदू राष्ट्र बनाना है. इस देश में रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज सनातनी हैं. हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर समुदायों को भड़काने और बांटने पर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी. शंकराचार्य ने कहा कि फूट डालो और राजनीति करो का काम राजनेता कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि दंड नीति,क्षेत्र नीति, धर्म नीति और अर्थ नीति ही राजनीति का पर्याय है.


नकली शंकराचार्य़ पर यह बोले स्वामी निश्चलानंद
पत्रकारों से बातचीत में स्वामी निश्चलानंद ने बताया कि किस तरह से शासन तंत्र की सहभागिता से नकली शंकराचार्य तैयार किया जाते हैं. उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने शंकराचार्य बनाए हैं. निश्चलानंद जी कुछ प्रसंग बताते हुए मुलायम सिंह यादव और लालू यादव के बारे में भी कहा कि उन्होंने नकली शंकराचार्य बनाकर घुमाए थे,जिन्हें उन्होंने पकड़ लिया था. बाद में उन्होंने खुद बताया कि वे मुलायम सिंह यादव और लालू यादव द्वारा बनाए गए शंकराचार्य हैं. मुलायम सिंह ने अंगद नामक व्यक्ति को चार पीठ का शंकराचार्य बनाकर घुमाया और लालू यादव ने रमेश राम नामक व्यक्ति को शंकराचार्य बनाया.


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