Jabalpur News: तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का मानना है कि देश में जब तक वीआईपी कल्चर रहेगा,तब तक समाज में समरसता नहीं आएगी. उन्होंने यह भी कहा है कि स्वतंत्रता के पश्चात यदि जाति के आधार पर आरक्षण नहीं दिया गया होता तो देश में जातिवाद कभी नहीं आता.जगद्गुरु ने आगे कहा कि भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' कहना पड़ेगा. उन्होंने यहां आरएसएस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही.


पहले भी देते रहे हैं विवादित बयान


यहां बताते चले कि तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य आजकल हनुमान चालीसा की कुछ चौपाइयों में त्रुटि बताने के साथ अपने कई बयानों को लेकर चर्चा में हैं. उत्तर प्रदेश में हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य के कांशीराम की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में नारा लगा था कि 'मिले मुलायम कांशीराम,हवा में उड़ गए जय श्री राम'.इस नारे के विरोध में स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा था कि 'मरे मुलायम कांशीराम,अब प्रेम से बोलो जय श्री राम'.इसको लेकर आगरा में समाजवादी छात्र सभा की तरफ से बुद्धि-शुद्धि यज्ञ भी किया गया था. इसके अलावा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी उठी थी.


समरसता सेवा संगठन की ओर से गुरुवार को जबलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य कहा कि हमारे देश में करोडों वर्ष पहले से समरसता थी.भगवान राम के राज्य में कोई वीआईपी नहीं था, बल्कि प्रत्येक भारतीय वीआईपी था.अयोध्या के रामघाट पर चारों वर्णों लोग एक साथ नहाते थे.भारत से जब तक वीआईपी कल्चर की परंपरा नहीं जाएगी,तब तक भारत समर्थ भारत नहीं बन सकता.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्यों की तारीफ


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी अच्छा काम कर रहे हैं.कश्मीर में 370 और धारा 35ए हट गई है.अब यदि सामान नागरिक संहिता लग जाए,रामचरित मानस राष्ट्र ग्रंथ बन जाए और गौ माता को राष्ट्र धरोहर बना दिया जाए, तो हम 10 वर्षों में ही विश्व गुरु बन जाएंगे.


जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात यदि जाति के आधार पर आरक्षण नहीं दिया गया होता तो देश में जातिवाद कभी नहीं आता. भारत में समरसता प्रारंभ से है.विरसता तो कुर्सी के लालची नेताओ ने किया.हमारे यहां जाति और वर्ण थे किंतु जातिवाद नहीं था.उन्होंने कहा हमारे यहां चार वर्ण थे.हमारे यहां सवर्ण और असवर्ण था ही नहीं और न ही किसी ने शेड्यूल कास्ट की बात की थी.भगवान के चारों वर्ण बेटे हैं.वर्ण व्यवस्था भगवान ने बनाई और कर्म के आधार पर अपने चारों बेटों का नाम रखा जिनमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र प्रगट हुए.


भारत के विभाजन का आधार क्या था


जगद्गुरु ने आगे कहा कि देश का विभाजन मजहब के आधार पर हुआ था,लेकिन हमारी समरसता ही थी कि सभी वर्गों के रहने के लिए भारत में व्यवस्था है.भारत की पहचान प्रभु श्रीराम और श्री कृष्ण से है.भारत में रहने वालों को उन्हें ही आदर्श मानना चाहिए.बाबर का बनकर यहां नहीं रहा जा सकता.जगद्गुरु ने कहा कि भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' कहना पड़ेगा.


यह कार्यक्रम बीजेपी और संघ से जुड़े लोगों ने आयोजित किया था.कार्यक्रम में सांसद राकेश सिंह,राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि, बीजेपी विधायक अजय विश्नोई,अशोक रोहाणी और नंदनी मरावी,रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति कपिलदेव मिश्रा,अखिलेश जैन, हरेंद्रजीत सिंह बब्बू, सुशीला सिंह, कैलाश जाटव, स्वाति गोडबोले, रिंकू विज, अभिलाष पांडे, पूर्व आईएएस वेदप्रकाश के साथ प्रबुद्धजन मौजूद थे.


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