भोपाल: एबीपी न्यूज़ की लाइव पड़ताल और खुलासे के बाद आखिरकार दिल्ली से पहली दो सदस्यीय टीम नर्मदापुरम के नर्मदा घाट पहुंची.जांच के दौरान इस टीम को कोरी घाट से परमहंस घाट के बीच किनारे पर चूने से बने मसाले में लिपटे छोटे-छोटे गोल पत्थरों का मलबा मिला है.इस मलबे को अब प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा जा रहा है. 


नर्मदापुरम में भी जोशीमठ जैसी हालत


बता दें कि जोशीमठ जैसे हालात नर्मदापुरम में भी नजर आने लगे हैं.नर्मदा किनारे स्थित घाट व मकानों में दरारें पड़ने लगी हैं. बीते दिनों एबीपी न्यूज़ टीम ने यहां लाइव पड़ताल करते हुए इन हालातों का खुलासा किया था.एबीपी न्यूज़ की पड़ताल के बाद प्रशासन हरकत में आया है.दिल्ली से जांच के लिए पहली दो सदस्यीय नर्मदापुरम स्थित नर्मदा घाट पहुंची.इस टीम को कोरी घाट से परमहंस घाट के बीच छोटे-छोटे गोल पत्थरों का मलवा मिला है.यह पत्थर चूने से बने मसाले से लिपटे हुए हैं.कयास लगाए जा रहे हैं कि प्राचीन काल में राजा अपने किलों के निर्माण के लिए इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करते थे.आसपास ऐसा कोई निर्माण नहीं है.मानव निर्मित यह मलवा कहां से आया इसकी जांच की जा रही है.


प्रयोगशाला भेजेंगे मलवा
जल संसाधन विभाग के अफसरों के साथ दिल्ली से आए विशेषज्ञ अजय भारद्वाज और अमित राणा की टीम को कोरी घाट से परमहंस घाट के बीच मिले पत्थरों को अब प्रयोगशाला भेजा जाएगा.जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.इसके अलावा जलससांधन विभाग के अफसर और दिल्ली से आई टीम ने अन्य क्षेत्रों का भी बारिकी से निरीक्षण किया है.इस मामले में तवा जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री वीके जैन की मानें तो परमहंस घाट पर मिले पत्थरों की जांच प्रयोगशाला कराई जाएगी. 


विशेषज्ञों का मानना है कि नर्मदा किनारे स्थित पत्थरों का यह मलवा हानिकारक है.नदी की तेज धार मलबे से टकराने के बाद दो भागों में बंट जाती है.इस कारण से भी नर्मदा किनारे कटाव की स्थिति बनने की संभावना है.विशेषज्ञ अजय भारद्वाज के अनुसार परमहंस घाट पर मिट्टी में सेटलमेंट हो रहा है,इसलिए घाट धंसकने लगा है. विवेकानंद घाट के दूसरे छोर पर स्थिति यह है कि यहां हर साल मकान थोड़े-थोड़े झुक रहे हैं.घरों में फर्श धंसते जा रहे हैं.यहां के रहवासियों की मानें तो वे हर साल बारिश के पानी से बचाव के लिए लाखों रुपए खर्च कर इंतजाम करते हैं. इसके बावजूद उनके यह इंतजाम बेअसर ही साबित हो रहे हैं.


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