Kilkila River: पन्ना नगर के गौरवमई इतिहास की गवाह और जीवनदायिनी कही जाने वाली किलकिला नदी (Kilkila River) की वर्तमान में हालत खराब हो गई है. इस नदी में वर्तमान में शहर का गंदे नाली का पानी समाहित हो रहा है जिससे यह जहरीली (Poisonous) और दलदल में तब्दील हो चुकी हैं. आपको बता दें कि पन्ना नगर के इतिहास में किलकिला नदी के बारे में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है. प्रणामी संप्रदाय के अनुसार महामति श्री प्राणनाथ प्रथम पन्ना आगमन पर इसी नदी के किनारे ठहरे थे तब यह नदी जहरीली हुआ करती थी. इसके बाद श्री प्राणनाथ जी द्वारा इस नदी को जहर मुक्त किया तब से इस संप्रदाय के लोगों में इस नदी के प्रति गहरी आस्था हो गई.


खतरे में है नदी का अस्तित्व
वर्तमान में किलकिला नदी का अस्तित्व खतरे में है. इस नदी में वर्तमान में शहर का गंदे नाली का पानी समाहित हो रहा है जिससे यह जहरीली और दलदल में तब्दील हो चुकी है. इस नदी कुंड से कौवा सेहा तक नदीं के जल प्रवाह में हीरे पाए जाते हैं गर्मियों में यह जलधआरा टूटने पर सैकड़ो लोग यहा यहां हीरा खदान लगाते हैं. इस कारण इसे पन्ना की हीरे उगलने वाली नदी भी कहा जाता है. इस नदी के जरिए आधा दर्जन से अधिक तालाबों को जीवन दान मिला है. वहीं महाराजा द्वारा किलकिला फीडर का निर्माण भी करवाया गया था जो किलकिला नदी के पानी से नगर के आधा दर्जन तालाबों को भरती थी.


मौजूदा वक्त में इस नदी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट औऱ सीवर लाइन के आदेश दिए गए हैं. नगर पालिका द्वारा आयुक्त को पत्र लिखकर बजट की मांग की गई है. ताकि सीवर लाइन और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हो सके, कलेक्टर संजय कुमार मिश्र द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि किलकिला नदी पन्ना नगर का गौरव है इसके जीर्णोद्घार और सौंदर्यीकरण के साथ-साथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सरकार से स्वीकृति मांगी गई है. इसके स्वीकृति मिलते के साथ ही निर्माण प्रारंभ कर दिया जाएगा. वहीं इस नदी के लिए रिवरफ्रंट योजना भी तैयार की गई है. जिससे इस नदी का कायाकल्प हो सके.


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