जबलपुर: एक वकील की आत्महत्या के बाद जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) में मचे बवाल पर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. बलात्कार के मामले में घिरे टीआई संदीप अयाची की जमानत अर्जी पर सुनवाई से ठीक पहले हाई कोर्ट जज को भेजे जिन दो पत्रों ने सनसनी मचाई थी, वह बचाव पक्ष के अधिवक्ता (जिन्होंने बाद में आत्महत्या कर ली थी) द्वारा ही भेजे गए थे. माना जा रहा है मामले का खुलासा हो जाने के डर से ही उसने आत्महत्या की थी. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने क्या जानकारी दी है
एडिशनल एसपी गोपाल खांडेल के मुताबिक इस मामले में हाई कोर्ट के पास दो अलग-अलग पोस्ट ऑफिस से डाक भेजी गई थी. दोनों में बचाव पक्ष के मृतक वकील का प्रमुख रोल था. अधिवक्ता अनुराग साहू आत्महत्या मामले में यह बेहद हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. यहां बता दे कि अनुराग साहू की आत्महत्या से नाराज अधिवक्ता समुदाय ने हाई कोर्ट में उनका शव रखकर जमकर हंगामा, तोड़फोड़ और आगजनी की थी.
इस घटना के बाद हाईकोर्ट के निर्देश के पर जब पुलिस ने जांच शुरू की तो सिविक सेंटर और रेलवे स्टेशन के डाकघर से की गई पोस्ट के साथ अनुराग साहू की आत्महत्या तक के तार जुड़ते और सिलसिलेवार सुलझते गए. एएसपी गोपाल खांडेल ने बताया कि मृतक अधिवक्ता अनुराग साहू के अलावा दो अन्य वकीलों के साथ एक मुंशी के खिलाफ धारा 182, 419, 420, 465, 468, 469, 471, 500,120 बी भादंवि का मामला दर्ज किया गया है. तीन आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो गई है.
पुलिस ने कैसे आगे बढ़ाई जांच
पुलिस की जांच के तीन पहलू हैं. सीसीटीवी एविडेंस- पुलिस ने सबसे पहले लेटर की जाँच-पड़ताल की और सील के जरिए डाकघर का ठिकाना ढूँढ निकाला. पहला पत्र 16 सितंबर को सिविक सेंटर और दूसरा रेलवे स्टेशन पोस्ट ऑफिस से भेजा गया. सीसीटीवी के जरिए चिट्ठी पोस्ट करने वाले अधिवक्ता को ढूंढा गया. दूसरा पहलू था सभी पक्षों के बयान, इस मामले में जिस दुष्कर्म पीड़ित महिला आरक्षक के नाम से पत्र भेजे गए थे, उसके कथन लिए गए. वहीं वकील अनुराग साहू की आत्महत्या पर दर्ज किए गए मर्ग से जुड़े गवाहों के बयान जुटाए गए. तीसरा पहलू है हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की राय, हाईकोर्ट के समक्ष भेजे गए दोनों लेटर हस्तलिखित थे, लिहाजा राज्य परीक्षक प्रश्नास्पद प्रालेख विभाग के विशेषज्ञों ने रिपोर्ट सौंपी. इसमें पत्रों की लिखावट अधिवक्ता अनुराग साहू की हैंड राइटिंग से मैच कर गई.
पुलिस ने तीन आरोपी किए गिरफ्तार
अनुराग साहू ने अपने हाथों से हाईकोर्ट जज के नाम दो पत्र तैयार किए. इसमें सुनवाई को प्रभावित करने की मंशा के साथ कुछ मनगढ़ंत तथ्य जोड़े गए. उसके साथी अधिवक्ता ओमकार पटेल ने 16 सितंबर को अनुराग साहू से पत्र लिया और अपने एक अन्य साथी अधिवक्ता राजा चौधरी और मुंशी पप्पू विश्वकर्मा के साथ अलग-अलग तारीख पर दो डाकघरों से पोस्ट कर दिए. गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को सीजेएम आलोक प्रताप सिंह की अदालत में पेश किया गया. अभियोजन पक्ष ने तीनों की 17 अक्टूबर तक की रिमांड मांगी. कोर्ट ने उन्हें एक दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया.
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