Madhya Pradesh: सीहोर के गांव छतरी में रहते हैं केक बनाने के महारथी, देश ही नहीं विदेश में भी है इनका जलवा
छतरी गांव के युवाओं के हाथ का बना केक पूरे देश में पसंद किया जा रहा है. यहां के युवा दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, नागपुर, इंदौर और भोपाल सहित देश के कई राज्यों के बड़े शहरों में धूम मचा रहे हैं.
सीहोर जिले में एक छोटा सा गांव छतरी है. यहां की आबादी सिर्फ 1800 है मगर इस छोटे से गांव के युवाओं ने देश में धूम मचा रखी है. यह धूम स्वाद की है, जायके का है, जो विभिन्न तरह के केक के जरिए पूरे देश में मची है. दरअसल, इस गांव के युवाओं के हाथ का बना केक पूरे देश में पसंद किया जा रहा है. यहां के युवा दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, नागपुर, इंदौर और भोपाल सहित देश के कई राज्यों के बड़े शहरों की बेकरी में नौकरी करते हैं और शानदार केक बनाते हैं. गांव में 250 से अधिक युवा हैं, जिनके हाथों में केक बनाने और उसे सजाने का यह चकित कर देने वाला हुनर है.
विदेशों में भी बना रहे हैं केक
दिलचस्प बात यह है कि छतरी गांव के युवक इस हुनर के माध्यम से कुछ तो देश के बाहर विदेश की बेकरियों में भी केक बना और खिला रहे हैं. कुछ युवाओं को अपने इस हुनर पर इतना भरोसा है कि उन्होंने खासा पैसा निवेश करके खुद की बेकरी शुरू कर ली है. एक समय था जब इस गांव के अधिकांश युवा बेरोजगार थे, लेकिन अब ये देश में अच्छी तनख्वाह और विदेश में बढिय़ा डॉलर कमा रहे हैं.
2004 से शुरू हुआ सिलसिला
करीब 18 साल पहले वर्ष 2004 में गांव के एक युवक ओमप्रकाश मेवाड़ा का रोजगार के सिलसिले में इंदौर जाना हुआ. वहां इन्होंने बेकरी में नौकरी कर ली. ओमप्रकाश ने वहां उस्ताद को केक बनाते देखा, तो मन में एक कौंध उठी कि ये कमाल की चीज मैं क्यों नहीं बना सकता. ओमप्रकाश के मन में जुनून जागा और उन्होंने उस्ताद का शिष्य बनते हुए और पूरे धैर्य के साथ केक बनाना, उसमें स्वाद का जादू जगाना और उसे सजाते हुए आकर्षक बनाना सीखा. जब ओमप्रकाश का हाथ सध गया तो उन्होंने गांव के कुछ और युवाओं को इंदौर बुला लिया. फिर तो सिलसिला चल पड़ा और एक-एक कर गांव के कई युवा केक की दुनिया के शिष्य बने और फिर सधी हुई मेहनत से उस्ताद बनते चले गए.
भोपाल में शुरू हुई छतरी बेकरी
ओमप्रकाश अब हैदराबाद की एक प्रसिद्ध बेकरी में काम कर रहे हैं, वहीं उनके सिखाए युवा देशभर के विभिन्न शहरों की बेकरी में केक का जादू जगा रहे हैं. भोपाल के बैरसिया में बेकरी शुरू करने वाले इरफान ने तो दुकान का नाम ही अपने गांव के नाम पर 'छतरी बेकरी' रखा है.
गांव छतरी के युवाओं की आंखों में केक के जरिए दुनिया देखने का सपना जगाने वाले ओमप्रकाश मेवाड़ा हैदराबाद की बेकरी में काम करते हैं, लेकिन उनके सिखाए शिष्य उनसे भी आगे निकल कर अब विदेश में अपना हुनर दिखा रहे हैं. ओमप्रकाश बेकरी में केक बनाने वाले मुख्य उस्ताद हैं. दोनों ने न तो होटल मैनेजमेंट का कोई कोर्स किया है और न ही कुकिंग से संबंधित कोई विशेष डिग्री हासिल की है.
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