Ram Van Gaman Path in MP: मध्यप्रदेश में भगवान श्रीराम के चरण कमल जहां-जहां पड़े थे, वहां-वहां राम वन गमन पथ बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. राज्य के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने राम वन गमन पथ के निर्माण का दायित्व संस्कृति विभाग के अंतर्गत गठित आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, भोपाल को सौंप दिया है.


गौरतलब है पिछले एक दशक से इस पथ के निर्माण की बात की जा रही है लेकिन किसी न किसी अवरोध के कारण मामला अटक जाता था.इसके लिए अनेक सर्वे एवं अध्ययन किये जा चुके हैं.सर्वे में मध्यप्रदेश के दस जिलों सतना, विदिशा, होशंगाबाद, जबलपुर, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, पन्ना, उमरिया एवं रीवा का चयन राम वन गमन पथ का निर्धारण किया गया था.


भरत अपनी सेना के साथ भगवान राम को मनाने आए थे
चित्रकूट में भगवान श्रीराम के दुर्लभ प्रमाण हैं.यहां राम को मनाने के लिए भरत अपनी सेना के साथ पहुंचे थे. यहीं से वह राम की चरण पादुका लेकर लौटे.यहां भगवान श्रीराम,पत्नी सीताजी और अनुज लक्ष्मण के साथ साढ़े ग्यारह साल रहे.इसके बाद सतना, पन्ना, शहडोल,जबलपुर,कटनी,अनूपपुर, रीवा आदि के वन क्षेत्रों से होते हुए वह दंडकारण्य चले गये.


अयोध्या से शुरू होता है मार्ग
यह मार्ग उप्र के अयोध्या से चित्रकूट और इसके बाद मप्र के अंदर होना पाया गया है तथा इसका समापन छत्तीसगढ़ के कोरिया में होता है.इसलिये सिर्फ मध्यप्रदेश सरकार सिर्फ राज्य के अंदर वाले क्षेत्र में इस मार्ग का निर्माण करेगा.पहले धार्मिक न्यास विभाग ने राम वन गमन पथ के निर्माण का कार्य एमपीआरडीसी को दिए थे.इसके लिए 50 लाख रुपये दिया गया था.एमपीआरडीसी ने डीपीआर बनाने के लिये ख्यात कंपनियों को टेण्डर भी जारी कर दिये थे.किन्तु जब पता चला कि करीब 14 सौ किमी के इस मार्ग के बीच आने वाले धार्मिक स्थलों पर भी यातायात,पार्किंग,चौड़े मार्ग,धर्मालुओं के ठहरने की सुविधा आदि भी विकसित की जाना है तथा इसके लिये संबंधित जिलों की विकास योजनाओं में बदलाव करने होंगे,तब उसने टेण्डर निरस्त कर दिया गया.


सांस्कृतिक एकता न्यास भोपाल को सौंपा गया निर्माण कार्य का काम
धार्मिक न्यास विभाग की मंत्री ऊषा ठाकुर ने अब नया आदेश दिया है कि राम वन गमन पथ का निर्माण संस्कृति विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास भोपाल को सौंप दिया जाये.इसके लिये न्यास के उद्देश्यों में राम वन गमन पथ भी शामिल किया जाये और निर्माण कार्य भी इसी न्यास के माध्यम से कराया जाये.धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के प्रमुख सचिव संजीव झा के मुताबिक मंत्री के आदेश पर राम वन गमन पथ के निर्माण का कार्य संस्कृति विभाग के अंतर्गत गठित शंकर न्यास को सौंपा गया है.यह विभाग इसके निर्माण की मानीटरिंग करता रहेगा.


वैसे यहां बता दें कि श्रीराम की वनगमन यात्रा उत्तर प्रदेश में राम जन्मभूमि अयोध्या से शुरू होकर प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी होते हुए चित्रकूट तक आ रही है.इसी पथ को ही राम वनगमन मार्ग कहा जाता है. इसकी लंबाई करीब 177 किलोमीटर है. राम वनगमन मार्ग के इस हिस्से को केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय बना रहा है.इसको पूरी तरह से तैयार करने में 3500 करोड़ रुपये की लागत आएगी.


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