MP Election 2023: कांग्रेस ने चुनावी साल ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर फीडबैक लेने के लिए अपने 16 नेताओं को प्रदेश के 51 जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है. राजधानी भोपाल का काम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) खुद देखेंगे. एक मई को वे गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र (Govindpur Assembly Seat) में एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं. वहीं दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) सभी जिलों में समन्वय की जिम्मेदारी पहले से ही निभा रहे हैं.
कौन संभालेगा भोपाल की कमान
दरअसल भोपाल के प्रभार का मामला इसलिए भी पेचिदा है,क्योंकि यहां से दिग्विजय सिंह और सुरेश पचौरी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. कमलनाथ के गृह जिले की जिम्मेदारी सज्जन सिंह वर्मा संभालेंगे. उन्हें बैतूल, हरदा और नर्मदापुरम का जिम्मा भी सौंपा गया है. कांग्रेस के लिए हरदा और नर्मदापुरम इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों जिलों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी.
जयवर्धन सिंह को इंदौर और उज्जैन जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी जिला दिया गया है. पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले की जिम्मेदारी संभालेंगे. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह को जबलपुर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर की जिम्मेदारी दी गई है. वो अमरकंटक से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे.
मध्य प्रदेश के किन जिलों में दलित वोट अधिक हैं
फूल सिंह बरैया को श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले में काम देखेंगे. दलित वोटों के लिहाज से ये तीनों जिले काफी महत्वपूर्ण हैं.बाला बच्चन को बुरहानपुर, खंडवा और धार जिले की जिम्मेदारी दी गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को बडवानी और खरगोन जिले दिए गए हैं. वहीं पू्र्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को रीवा, कटनी, सिंगरौली और सीधी जिले की कमान दी गई है.मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को सतना,पन्ना, दमोह और रायसेन जिले की जिम्मेदारी मिली है.
इनके अलाव तरुण भनोत को बालाघाट, डिंडौरी, मंडला, सिवनी और नरसिंहपुर की जिम्मेदारी मिली है. कमलेश्वर पटेल को रतलाम, मंदसौर और नीमच जिले की जिम्मेदारी दी गई है. लाखन सिंह यादव को सीहोर और देवास, मीनाक्षी नटराजन को अलीराजपुर, झाबुआ और आगर जिला, केपी सिंह को गुना, विदिशा और अशोकनगर का काम मिला है. वहीं रामनिवास रावत को राजगढ़ और शुजालपुर का जिम्मा मिला है.
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