Tradation of cauterization in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहडोल (Sahdol) में दागने से हुई ढाई महीने की बच्ची की मौत के बाद अब तीन महीने की एक बच्ची को 'दगना प्रथा' के तहत गर्म लोहे की छड़ से दागने का मामला सामने आया है. इस बच्ची को 24 बार दागा गया है. पीड़ित बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिला प्रशासन इस मामले को देख रहा है.जिस बच्ची की मौत हुई थी, उसे 51 बार दागा गया था.


क्या कहना है कलेक्टर का


शहडोल की कलेक्टर वंदना वैद्य ने बताया, "इसमें महिला बाल विकास की टीम काम कर रही है. जन जागरूकता अभियान चलाना ही इसका एक मात्र इलाज है." दागने का नया मामला जिले के सामतपुर गांव का है. यहां तीन महीने की शुभी कोल को सांस लेने में समस्या होने पर लोहे की सलाखों से 24 बार दागा गया है. पीड़ित बच्ची का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है.






शहडोल के सिंहपुर थानाक्षेत्र के गांव कठौतिया में ढाई माह की रुचिका कोल को 26 जनवरी को गर्म सलाखों से 51 बार दागा गया था. बच्ची की हालत नाजुक होने की वजह से उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. वहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद बच्ची को ग्रामीणों ने कठौतिया गांव में दफना दिया. अधिकारियों के बयान आने के बाद लोगों ने इसका विरोध किया. 


पुलिस ने क्या कार्रवाई की है


इसके बाद पुलिस हरकत में आई और शव को कब्र से निकालकर जांच शुरू की.शनिवार को शहडोल के मेडिकल कॉलेज में फारेंसिक चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का पोस्टमार्टम किया. इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल पाएगा. 


इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों और डॉक्टरों के अलग-अलग बयान आए. इससे मामला उलझता चला गया. कलेक्टर वंदना वैद्य इस मामले में बच्ची की मौत की वजह फेफड़े और मस्तिष्क में इंफेक्शन और निमोनिया बढ़ना होना बता रही हैं. वहीं,मेडिकल कॉलेज के डीन निलेंद्र शिरालकर का मानना है कि संक्रमण का सोर्स सलाखों से दागना था. दागने की वजह से संक्रमण बढ़ा. इससे बच्ची की मौत हो गई.


किस बीमारी से पीड़ित थी बच्ची


जांच में पता चला कि कठौतिया गांव में रहने वाली रोशनी कोल की दुधमुंही बेटी रुचिका कोल को निमोनिया और सांस लेने की तकलीफ हो रही थी. इसके चलते परिजन उसे डॉक्टर के पास ना ले जाते हुए सामतपुर में किसी महिला के पास लेकर गए. महिला ने बच्ची के इलाज के नाम पर उसके शरीर पर 51 बार सलाखों से दागा. इससे बच्ची की हालत बिगड़ने लगी. इसके बाद परिजन खैरहा में एक फर्जी डॉक्टर के पास बच्ची को ले गए. लेकिन कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया. वहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई.


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