Ujjain Mahakal: उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में मिलने वाला लड्डू का प्रसाद पूरी तरह शुद्ध है. तिरुपति में उपजे विवाद के बाद महाकालेश्वर लड्डू प्रसाद की जांच की गई. लड्डू प्रसाद 13 तरह के टेस्ट में खरा उतरा है.


प्रसाद में किसी तरह की मिलावट नहीं पाई गई है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त मध्य प्रदेश की अत्याधुनिक लैब में लड्डू प्रसाद की टेस्टिंग की गई. जांच से पता चला है कि लड्डू के लिए इस्तेमाल होने वाले घी और अन्य सामग्री में किसी तरह की मिलावट नहीं है.


लैब में जांच के दौरान बीआर वैल्यू, शुगर, आरएम वैल्यू, टेवरा, एफएफए, फार्मलीन टेस्ट, बाऊडिन टेस्ट, बीआर वैल्यू, पोलेंस्क वैल्यू, स्पोनिफिकेशन वैल्यू, आयोडिन वैल्यू, बेंगाल ग्राम और स्टार्च सिंथेटिक फूड कलर की जांच की गई. फूड एनालिस्ट प्रदीप तिवारी, टेक्निकल मैनेजर सीईएस एनालिटिकल रिसर्च सर्विस नीलम उपाध्याय के अनुसार प्रसाद की टेस्ट रिपोर्ट सभी मानकों पर अप टू द मार्क है. केमिकल एनालिसिस के बाद घी में मिलावट नहीं पाई गई.


कितना शुद्ध है महाकाल मंदिर का लड्डू?


बता दें कि प्रसिद्ध देवी धाम सलकनपुर में भी ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने प्रसाद की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. हालांकि प्रसाद केन्द्र का उद्घाटन केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था. केन्द्र का संचालन समूह दीदीयां करती हैं. बाद में मामला दब गया.


तिरुपति मंदिर में प्रसाद विवाद के बाद आस्था से खिलवाड़ का मुद्दा गर्मा गया था. भगवान महाकाल के दरबार में मिलने वाले प्रसाद की जांच कराई गयी. लैब की रिपोर्ट के मुताबिक लड्डू प्रसाद की गुणवत्ता में मिलावट नहीं पायी गयी है. गौरतलब है कि रोजाना हजारों श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं. महाकाल लोक निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. श्रद्धालु महाकाल मंदिर समिति के बनाये लड्डू को प्रसाद के रूप में लेकर जाते हैं. 


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