Truck Driver Strike: इंदौर में ट्रांसपोर्ट हड़ताल से पेट्रोल-डीजल और सब्जियों की किल्लत, प्रशासन ने किया ये दावा
Truck Driver Strike Today: इंदौर में हड़ताल का खासा असर देखने को मिल रहा है. यहां क्लास ऑनलाइन मोड में हुई या फिर छुट्टी दे दी गई. पेट्रोल पम्प पर वाहनों की लंबी कतार दिखी.
Truck Driver Strike News: हिट एंड रन के नए कानून का चौरतफा विरोध देखने को मिल रहा है. इंदौर में भी इस कानून के खिलाफ दो दिनों से जोरदार विरोध हो रहा है. एमपी की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में तो चार पहिया भारी वाहनों के की गति पर ब्रेक लग गया है. यहां तक की स्कूल बस और सामान्य यात्री बसें भी नही चल रही है. एक तरफ स्कूली बसों में डीजल खत्म है तो वहीं बाहर से सब्जियां भी नहीं आ पा रही हैं. जिसकी वजह से सब्जी की किल्लत भी देखने को मिल रही है. हालांकि इंदौर जिला प्रशासन ने दूध सब्जी और स्कूल बसों को लेकर अपने स्तर पर स्थिति सामान्य करने का प्रयास किया, लेकिन उससे बहुत ज्यादा फर्क दिखाई नहीं पड़ रहा है.
इंदौर में हड़ताल का खासा असर देखने को मिल रहा है. आलम ये है कि दो दिनों से पेट्रोल पम्प पर वाहनों की लंबी कतार नजर आ रही है. पेट्रोल के लिए लोग लंबी कतार में खड़े होकर और कड़ी मशक्कत करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं, तब कहीं जाकर उनको वाहनों के लिए ईंधन मिल पा रहा है. कुछ क्षेत्रों में तो पेट्रोल पंप पर बोर्ड लगाकर उन्हें अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है. बीती रात इंदौर कलेक्टर ने खुद कमान संभालते हुए करीब सौ टैंकर्स को तैयार किया और शहर में पेट्रोल और डीजल की सप्लाई को सामान्य करवाने का भरोसा दिया, लेकिन इतने से पेट्रोल पम्प का गला गीला नहीं हो पाया और लोगों को परेशान होते देखा गया.
नए कानून को लेकर इंदौर कलेक्टर ने क्या कहा?
कलेक्टर मंगलवार (2 दिसंबर) को सुबह मांगलिया डिपो भी पहुंचे और हड़ताल कर रहे वाहन चालकों से चर्चा की. उन्होंने बताया कि "आखिर इस नए कानून में कौन सी ऐसी चीजें हैं, जो लोग अभी नही जानते हैं." इंदौर कलेक्टर ने नए कानून को लेकर कहा कि "लोग वो समझ रहे हैं, जो इस कानून में है ही नहीं. उन्होंने कहा कि इस कानून को गहराई से समझने की जरुरत है. कलेक्टर ने दावा किया कि शहर में ईंधन की आपूर्ति सामान्य हो गई है."
आज कई स्कूलों में लटका ताला
इंदौर के स्कूलों में हड़ताल का असर देखा गया, यहां ज्यादातर निजी स्कूल मंगलवार (2 दिसंबर) से खुलने वाले थे, लेकिन स्कूल में कक्षाएं या तो ऑनलाइन आयोजित की गई या फिर वहां अवकाश दे दिया गया. यहां के जो स्कूल बसों का संचालन नहीं करते, ऐसी स्थिति में बच्चों को छोड़ने के लिए माता पिता को कहा गया. कोहरे के बीच सुबह-सुबह माता पिता अपने बच्चों को स्कूल ले जाते हुए नजर आए.
सब्जी, जरूरी सामानों की सप्लाई पर दिखा असर
इस विरोध का असर हर आमओ खास पर पड़ रहा है. इंदौर की सब्जी मंडी में सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं. दरअसल, इंदौर में बाहर से बड़ी तादात में सब्जियों की आवक होती है, लेकिन हड़ताल की वजह से न तो टमाटर आ पा रहा है और ना ही दूसरी जरुरी सब्जियां बाजार तक पहुंच पा रही हैं. ऐसे में जो टमाटर पहले 500 रूपये के भाव से जा रहा था, वह अब ग्यारह सौ रुपये प्रति कैरेट में भी नहीं मिल रहा है. विरोध की वजह से गाड़ियों की आवाजाही नहीं होने से आने वाले दिनों में सब्जियों की किल्लत बढ़ सकती है.
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