MP News: तुर्किए में भूकंप पीड़ितों के लिए 'नमस्ते इंडिया' ने खोले अपने दरवाजे, बुरहानपुर के दीपेंद्र पटेल का है यह होटल
Turkiye Earthquake News: दीपेंद्र ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी बड़ी ताबाही नहीं देखी. उन्होंने बताया कि उनके होटल नमस्ते इंडिया में 40 भूकंप पीड़ित शरण लिए हुए हैं.
Turkiye Earthquake: तुर्किए में आए भीषण भूकंप (Turkey Earthquake) ने भयानक तबाही मचाई है. अब तक 21 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.कड़कड़ाती ठंड में लोग रहने और खाने-पीने को तरस रहे हैं. मदद के लिए भारतीय सेना (Indian Army) तुर्किए में मौजूद हैं. वहीं बुरहानपुर के रहने वाले दीपेंद्र भी तुर्किए में पीडि़तों की मदद कर रहे हैं. वे वहां होटल का व्यवसाय करते हैं.उनके वहां तीन होटल हैं.उन्होंने अपने तीनों ही होटलों को पीड़ितों की मदद के लिए फ्री कर दिया है. दीपेंद्र ने सोशल मीडिया पर भूकम्प पीड़ितों के लिए मदद की पेशकश की है.
कैसे मदद कर रहे हैं दीपेंद्र
बता दें कि बुरहानपुर निवासी दीपेंद्र तुर्किए के कैपेडोकिया शहर में 'नमस्ते इंडिया' नाम से होटल चलाते हैं. इसके अलावा दीपेन्द्र के दो रेस्तरां भी चलते हैं. तुर्किए में आए भीषण भूकंप के बाद पीडि़तों की मदद के लिए दीपेन्द्र ने अपने तीनों ही होटलों के दरवाजे खोल दिए हैं.दीपेन्द्र पीड़ितों को रहने के साथ ही फ्री खाना भी उपलब्ध करा रहे हैं.दीपेंद्र के अनुसार उनके होटल में 40 से ज्यादा लोग शेल्टर लिए हुए हैं.उनके रहने और खाने का बंदोबस्त पूरी तरह से मुफ्त हैं.
तुर्की में पीडि़तों की मदद के लिए खुले नमस्ते इंडिया होटल के दरवाजे
— Nitinthakur (@Nitinreporter5) February 10, 2023
- मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के दीपेन्द्र कर रहे तुर्की पीडि़तों की मदद, रहने के साथ ही खाने की फ्री व्यवस्था @ABPNews @brajeshabpnews @abplive pic.twitter.com/BqVj3Gr4Ul
दीपेंद्र ने 'एबीपी न्यूज़' से वहां के हालात पर चर्चा करते हुए बताया कि इस भीषण तबाही से लोग बेघर हो गए हैं. लोग अपनी कारों में रहने को मजबूर हैं.भूख से लोग तड़प रहे हैं,बिस्किट खाकर गुजारा कर रहे हैं.चारों तरफ चीख पुकार की आवाज सुनाई दे रही है.इस कठिन समय में मुझसे जितना संभव होगा मैं मदद करुंगा.फिलहाल मैंने अपने तीनों ही होटलों के दरवाजे पीड़ितों के लिए खोल दिए हैं.होटल में पीड़ितो के रहने की सुविधा के साथ ही उन्हें खाना भी उपलब्ध कराया जा रहा है.उन्होंने बताया कि भूकंप के बाद से लोग बहुत डरे और सहमे हुए हैं.
पहली बार देखी ऐसी त्रासदी
दीपेंद्र ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार ऐसी त्रासदी देखी है.बड़ी-बड़ी इमारतें जमीदोंज हो गई हैं.लोग इन मलबे के ढेरों में दबे हैं.मदद के लिए चीख पुकार मच रही है.दीपेंद्र ने बताया कि कैपेडोकिया शहर से 100 किलोमीटर की दूरी पर यह तबाही आई है.उन्होंने बताया कि मदद की पेशकश करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा.उसे पढ़ने के बाद लोग मेरी होटल में आ रहे हैं.मैं अपने अन्य दोस्तों के साथ मिलकर पीड़तों की मदद करने का हर संभव प्रयास कर रहा हूं.
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