Rajsamand News: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले प्रदेश में उपचुनावों का दौर चल रहा है. इन उपचुनाव में कई ऐसे किस्से भी सामने आ रहे हैं, जिन्हें जानकर लोग हैरान हैं. एक दिन पहले ही बांसवाड़ा में घर में शौचालय नहीं होने पर प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया है. वहीं, अब राजसमन्द जिले में 50 साल से पाले सपने को एक वृद्ध ने पूरा किया है.


9 बार वार्ड पंच चुनाव में हारने के बाद 10वीं बार फिर से कोशिश की और आखिरकार जीत हासिल कर ली. अब 76 साल के देवी सिंह अपने वार्ड के वार्डपंच बन गए हैं. उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है. पहले तो देवी सिंह भावुक होकर रोए और फिर खुशी से हंस पड़े. 




9 बार हारे, 10वीं बार में मिली जीत
देवी सिंह का कहना है कि वह 25 साल के थे, जब सोचा था कि वार्ड पंच बनना है. चुनाव में पहली बार नामांकन दाखिल किया और प्रचार भी किया, लेकिन मतगणना में हार गए. इसके बाद मन को ठेस पहुंची तो ठान ली कि एक बार तो वार्ड पंच बनेंगे ही बनेंगे. फिर हर बार वार्ड पंच के चुनाव में आवेदन किया, चुनाव प्रचार भी किया लेकिन हर बार हार ही मिलती गई. हालांकि, अब 10वीं बार में उन्होंने सफलता हासिल कर ली है, जिसकी उन्हें बहुत खुशी है. जीत के बाद लोगों का सम्मान मिला, जिससे भावुक हो गए और उन्हें अच्छा भी लगा. 


चार प्रत्याशियों से था देवी सिंह का मुकाबला
राजसमन्द जिले के भीम तहसील की मंडावर पंचायत में वार्ड 2 के रिक्त हुए पद पर उपचुनाव हुए. इसी चुनाव में देवी सिंह ने जीत हासिल की. इस बार के चुनाव में भी समीकरण रोचक बन रहे थे. वार्ड-2 के चुनाव में चार नामांकन भंवर सिंह, सीता देवी, पन्ना सिंह और देवी सिंह ने दाखिल किए थे. किन्हीं वजहों से तीनों दावेदारों ने अपने नामांकन वापस ले लिए, जिससे देवी सिंह निर्विरोध निर्वाचित हो गए. देवी सिंह के निर्वाचित होने पर निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार रेगर और सहायक निर्वाचन अधिकारी अम्बालाल सालवी ने उन्हें प्रमाण-पत्र सौंपा.


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