उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम से पहले उज्जैन की भर्तृहरि गुफा में हवन पूजन और मिर्ची यज्ञ किया जा रहा है. गुफा में साधु संतों द्वारा योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर लगातार प्रार्थना का दौर जारी है. गुफा के गादीपति चौंकाने वाला दावा कर रहे हैं. 


उज्जैन में अति प्राचीन भर्तृहरि गुफा है जो तंत्र साधना और पूजा-अर्चना तथा सिद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान माना गया है. राजा भर्तृहरि ने यहां पर सालों तक तपस्या की थी. यह गुफा नाथ संप्रदाय की प्रमुख पूजा स्थली मानी जाती है. यहां पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार आ चुके हैं.


Jabalpur News: जबलपुर में किशोरी से रेप, 22 दिन बाद आरोपी को ऐसे भिजवाया जेल, जानें पूरा मामला


मिर्ची हवन से शत्रुओं का प्रभाव कम होता है


नाथ संप्रदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने की प्रार्थना को लेकर यहां लगातार पूजा-अर्चना और हवन का सिलसिला चल रहा है. गुफा के गादीपति रामनाथ महाराज के मुताबिक गुफा में मिर्ची हवन भी किया जा रहा है. मिर्ची हवन से शत्रुओं का प्रभाव कम होता है और जिसके लिए यह हवन किया जाता है उसे विजय प्राप्त होती है. गादीपति महंत राम नाथ महाराज के मुताबिक योगी आदित्यनाथ दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब साधु संत प्रतिनिधित्व करते हैं तो सभी को समान रूप से लाभ पहुंचाते हैं. उनके हृदय में कोई भेदभाव नहीं रहता है, इसलिए योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान दूसरी बात सौंपा जाना मुनासिब है. भर्तृहरि गुफा का धार्मिक ग्रंथों में भी काफी उल्लेख मिलता है.


इस गुफा में जो गया वह वापस नहीं आया


भर्तृहरि गुफा में प्रमुख रूप से दो गुफाएं मौजूद हैं. जहां पर साधु संतों द्वारा हवन पूजन किया जाता है. पहली गुफा में नीलकंठ की प्रतिमा है जबकि दूसरी गुफा में गुरु गोरखनाथ विराजमान हैं. यहां पर एक ऐसा द्वार है जहां दर्शन करने मात्र से चारों धाम के पुण्य फल की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि इस गुफा के रहस्य का अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया है. कहा जाता है कि इस गुफा के प्रतिबंधित मार्ग पर जो भी गया है वह वापस नहीं लौटा है. गादीपति राम नाथ महाराज के मुताबिक गुफा में प्राचीन कथाओं से जुड़े कई साक्ष्य मौजूद हैं. यहां पर कई सालों से दर्शन करने आ रही महिला श्रद्धालु पूनम के मुताबिक गुफा से चारों धाम का मार्ग भी निकला है.


इसे भी पढ़ें:


MP News: भारत से 70 साल पहले विलुप्त हो चुके चीतों को कुनो राष्ट्रीय अभयारण्य में बसाने की तैयारी, जानें किस देश से लाये जाएंगे चीते