Ujjain: महाशिवरात्रि के अगले दिन महाकाल मंदिर में दोपहर को हुई भस्म आरती, जानें क्यों है खास?
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि महोत्सव चल रहा है. आज दोपहर 12:00 बजे भगवान महाकाल की 'अर्धनारीश्वर' के रूप में भस्म आरती हुई. महाशिवरात्रि महोत्सव 10 दिनों का मनाया जाता है.
देशभर के शिव मंदिर में भले ही महाशिवरात्रि का पर्व गुजर गया हो लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में अभी भी महाशिवरात्रि महोत्सव चल रहा है. इसी कड़ी में आज दोपहर 12:00 बजे भगवान महाकाल की 'अर्धनारीश्वर' के रूप में भस्म आरती हुई. साल भर में एक बार दोपहर को भस्म आरती होती है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि महोत्सव 10 दिनों का मनाया जाता है. शिव नवरात्रि के तहत 9 दिनों तक भगवान महाकाल को दूल्हा बनाया जाता है. इसके बाद महाशिवरात्रि पर्व पर राजाधिराज भगवान महाकाल का सेहरा सजाया जाता है. महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व शिव पार्वती के विवाह के रूप में मनाया जाता है.
महाकाल के सेहरे का पूजन के बाद भस्म आरती
महाशिवरात्रि के अगले दिन भगवान महाकाल के सेहरे का पूजन होता है. आज सेहरे का पूजन के बाद भव्य भस्म आरती हुई. भस्मारती को देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे थे. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी भस्म आरती में शामिल हुईं. पंडित महेश पुजारी के मुताबिक भगवान महाकाल का महाशिवरात्रि पर्व पर सेहरा सजाया जाता है. बाद में प्रातः काल सेहरे के दर्शन होते हैं. परंपरा अनादि काल से चली आ रही है. इसी वजह से महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भस्म आरती दोपहर में संपन्न कराई जाती है.
महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का समापन
भगवान महाकाल को अर्धनारीश्वर के रूप में सजाया गया. इसके बाद आरती की गई. आरती के साथ महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का समापन हो गया. राजाधिराज भगवान महाकाल को भस्म आरती के पूर्व दूध, दही, घी, फलों का रस के साथ हल्दी से भी स्नान कराया गया. इसके बाद भगवान का सूखे मेवे और भांग से आकर्षक श्रृंगार किया गया. राजाधिराज का श्रृंगार होने के बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म आरती की गई.